नैनीताल: हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मामले में हुई एक बैठक, अधिवक्ताओं ने रखी अपनी राय, कहीं यह बात

आज हाईकोर्ट बार एसोशिएसन नैनीताल के हॉल में हाईकोर्ट को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट न करने व नैनीताल में जरूरी जनसुविधाओं व नैनीताल के विकास के लिये हाईकोर्ट बार एसोशिएसन के उपाध्यक्ष प्रशान्त जोशी की अध्यक्षता में एक सभा आहूत की गयी।

हाईकोर्ट शिफ्टिंग की अफवाह से युवा अधिवक्ताओं में बनी असमंजस की स्थिति-

जिसमें युवा अधिवक्ता प्रभात बोहरा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग की अफवाह से युवा अधिवक्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, उससे उनके कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। नैनीताल हाईकोर्ट को पहाड़ से शिफ्ट न किया जाये। अधिवक्ता शिवानन्द भट्ट ने कहा कि चाहे इलाहाबाद हो या अन्य मैदानी क्षेत्र वहां भी बाढ़ व अन्य समस्याएं रहती है। लोग निजी स्वार्थ के लिये हाईकोर्ट शिफ्टिंग की बात कर रहे हैं। उत्तराखण्ड के मैदानी क्षेत्रों में फैक्ट्रियां लगी हुई है और भूमाफिया खेती को जमीन को बरबाद करना चाहते हैं। पहाड़ में बड़े उद्योग नहीं लगाये जा सकते, इसलिये हाईकोर्ट व अन्य राजकीय संस्थान को पहाड़ में ही विकसित किया जाये, जिससे पलायन व रोजगार की समस्याएं हल हो । अधिवक्ता शैलेन्द्र नौरियाल जी ने कहा कि उत्तराखण्ड में विकास का अर्थ केवल 24 जिलों का विकास ही नहीं है, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिये भी जनता के पैसे का उपयोग होना चाहिए। भुवनेश जोशी जी द्वारा कहा गया कि देश के बड़े – बड़े नेता, उद्योगपति, जज व बड़े अधिकारी पहाड़ों को रहने का अच्छा स्थान मानते हुए अपने फार्म हाउस, घर उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में बना रहे हैं, इसलिये नैनीताल हाईकोर्ट को किसी भी हालत में शिफ्ट न किया जाये।

पलायन रोकने के लिए नहीं हो रहा कोई कार्य-

अधिवक्ता ए.डी. त्रिपाठी जी ने कहा कि सरकार उत्तराखण्ड से पलायन की बात कह रहे हैं, लेकिन पलायन रोकने के लिये कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। अधिवक्ता देवेश विश्नोई जी ने कहा कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मुद्दे से अव्यवस्था फैलाई जा रही है और नैनीताल में ही सुविधाएं विकसित की जाये। अधिवक्ता सुहास रतन जोशी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं दिल्ली से आकर नैनीताल हाईकोर्ट में अपनी वकालत कर रहा हूं और हाईकोर्ट को नैनीताल से बाहर शिफ्ट करने का विरोध करता हूं। अधिवक्ता आर. सी. आर्या जी ने कहा कि जो बुनियादें गहरी हो चुकी है, उनको न हिलाई जाये। उत्तराखण्ड जनता का पैसा बर्बाद न किया जाये। सभी की अध्यक्षता करते हुए हाईकोर्ट बार एसोशिएसन के उपाध्यक्ष प्रशान्त जोशी जी ने कहा कि हाईकोर्ट को नैनीताल से बाहर शिफ्ट न किया जाये और अगर सरकार के पास अधिक मात्रा में पैसा है, तो उस पैसे का उपयोग युवा अधिवक्ताओं को स्टाई फंड और अधिवक्ताओं के रेजीडेन्सिएल कालोनी के लिये जमीन व खर्च की व्यवस्था की जाये। अधिवक्ता विनोदानन्द बड़थ्वाल जी ने कहा कि “सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शान्ति का छा जाना।

अधिवक्ताओं ने रखी राय-

इस सभा में उपस्थित एम०एस० भण्डारी, प्रेम कौशल, दर्शन बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष एम०सी० पन्त, सैयद नदीम व पूर्व सांसद व बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र सिंह पाल जी ने अपनी बातें रखी, और सभी उपस्थित अधिवक्ताओं ने एकमत होकर राय रखी कि हाईकोर्ट को किसी भी स्थिति में नैनीताल से शिफ्ट नहीं करने दिया जायेगा।

यह लोग रहें मौजूद-

सभा में निरंजन भट्ट, बिजयन्त पंत, डी०के० जोशी, सूरज पाण्डे, बी०एस०कोरंगा, शैलेन्द्र नौरियाल, शिवानन्द भट्ट, राजीव शर्मा, एम०एस० भण्डारी, के0के0 तिवारी, क्षितिज कौशिक, महावीर कोहली, हिमांशु असवाल, अपूर्व चौहान, त्रिलोचन पाण्डे, एन0के0 पपनोई, कैलाश चन्द्र तिवारी, जयवर्धन काण्डपाल, सुहास रतन जोशी, भुवनेश जोशी, योगेश पचौलिया, बी०एस०रावत, प्रेम कौशल विकास सिंह यादव, रवि सहगल, मनोज कुमार, अविदित नौलियाल, पंकज सिंह चौहान व अन्य कई अधिवक्ता मौजूद रहें।