April 25, 2024

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Health tips: शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखने की घरेलू औषधि, आइए जानें

आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। आपकी जीवन शैली का आपके हृदय सहित आपके अंगों के स्वास्थ्य पर भी काफी असर होता है। आपका हृदय स्वास्थ्य काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसा जीवन व्यतीत करते हैं।

आइए जानें-

खून की सफाई और बॉडी डिटॉक्स के आसान घरेलु उपाय-

नीम – रक्त दोष दूर : नीम की पाकी हुई दस निम्बोली नित्य चूसने से रक्तविकार ठीक हो जाता है। नीम के पत्ते, फूल, निम्बोली छाल और जड़ सबको छाया में सुखाकर पीस लें। चौथाई चम्मच प्रतिदिन इसकी पानी से फंकी लें। इससे हर प्रकार का रक्त दोष ठीक हो जायेगा। लम्बी आयु तक जीवन स्वस्थ रहेगा।

मुनक्का – किडनी और लिवर शुद्ध: 25 ग्राम मुनक्के रात को पानी में भिगों दें। इन्हे प्रात: पीसकर एक कप पानी में घोलकर प्रतिदिन पीते रहने से रक्त साफ़ होता है। इस प्रयोग से किडनी और लिवर शुद्ध हो जाते है। इसको महीने में 3-4 बार कर सकते है यह बहुत कारगर उपाय है।

ग्वारपाठा (एलोवेरा) – पूरे शरीर के लिए फायदेमंद : ग्वारपाठा रक्तशोधक है। ग्वारपाठे का ताज़ा रस 25 ग्राम शहद 12 ग्राम और आधे नींबू का रस मिलाकर दो बार सुबह शाम पीना चाहिए।

आंवला – चर्म रोगों में लाभदायक : आंवला रक्त में बढ़ी हुई गर्मी को कम करता है। रक्त में जमा मल, विष को दूर कर रक्त शुद्ध करता है। मांस में गर्मी बढ़ा कर मांस के मल को जलाता है। पेशी कोषों को शुध्द करता है। आंवला हर प्रकार शरीर की हर चीज़ की सफाई करता है। चर्म रोगों में लाभदायक है। यह विटामिन ‘सी’ का भण्डार है। नया रक्त बनाता है।

दूध – रक्त शुद्ध: कच्चे दूध की लस्सी पीने से रक्त शुद्ध रहता है। चार दिन दूध में शहद डालकर पीएं।

बेल – रक्त साफ़ : बेल का चूर्ण और देशी बूरा सामन मात्रा में मिला कर पानी से फंकी ले। रक्त साफ़ हो जायेगा।

करेला – दूषित रक्त साफ़ : 60 ग्राम करेले का रस एक कप पानी में मिलाकर नित्य कुछ दिन तक सेवन करने से शरीर का दूषित रक्त साफ़ हो जाता है।

नींबू – पेट और आंतों की सफाई: नींबू रक्त को शुद्ध करता है। नींबू को हल्के गरम पानी में दिन में तीन बार पीना चाहिए। पानी, चाय की तरह गर्म होना चाहिए। या एक नींबू के चार टुकड़े कर लें। चार कप दूध भर लें। एक कप दूध में एक टुकड़ा नींबू का निचोड़ कर तुरंत पी जाएं।

आम – रक्त साफ़ : एक कप आमरस, एक चौथाई दूध, एक चम्मच अदरक का रस, मिश्री स्वाद के अनुसार मिला कर नित्य पीना चाहिए। यह रक्तशोधक है। एक कप आमरस में आधा कप दूध, एक चम्मच घी, दो चम्मच अदरक का रस मिलाकर नित्य जब तक आम मिलते रहें, पीते रहें। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तथा रक्त साफ़ होगा।

मेहंदी – रक्त की सफाई : मेहंदी रक्त की सफाई करती है। रात को मेहंदी स्वच्छ पानी में भिगो दें, सवेरे निथार कर पानी पिएं।

हल्दी – रक्त साफ़ : आधा चम्मच हल्दी, एक चम्मच पिसा हुआ आंवला मिला कर गर्म पानी से फंकी लेने से रक्त साफ़ होता है।

टमाटर – चर्म रोग में लाभकारी : लाल टमाटर का रस सुबह शाम एक एक गिलास पीने से रक्त साफ़ होता है। चर्म पर होने वाली छोटी छोटी फुंसियां, खुजली, त्वचा का रूखापन, सूखापन, तथा लाल चकते दूर हो जाते हैं।

प्याज – रक्तविकार दूर : प्याज का रस एक चौथाई कप और एक निम्बू का रस या शहद मिला कर दस दिन नित्य पीने से रक्त विकार दूर होकर रक्त शुद्ध होता है। प्याज का ताज़ा रस आधा कप, गाजर का रस एक कप, पालक का रस एक कप ये तीनो मिलाकर नित्य प्रात: भूखे पेट पीने से रक्तविकार दूर होकर रक्त साफ़ हो जाता है।

गोभी – चर्म रोग में लाभकारी : गोभी में गंधक बहुत मिलता है। गंधक खुजली, कुष्ठ, आदि चर्म रोगों में लाभदायक है। गोभी रक्तशोधक है अत: इसे भाप में उबालकर खाना चाहिए। यह पानी में उबालने से गैस उत्पन्न करती है।