स्वामी विवेकानंद, भारत के एक ऐसे महापुरुष हुए, जिन्होंने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी छाप छोड़ी। एक ऐसे महापुरुष जिसके जैसा कोई दूसरा कभी नहीं हो सकता। जो आज भी युवाओं के प्रेरणास्रोत है। स्वामी विवेकानंद के कहे एक-एक शब्द कोरोना काल में भी युवाओं को तमाम तनाव से उबरने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
एक समय युवाओं का आह्वान करते हुए स्वामी विवेकानंद ने कहा भी था संघर्ष जितना कठिन होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी। कोरोना काल भी कुछ ऐसा ही संघर्ष था, जिसे पार कर जीत की ओर आगे बढ़ना है। लेकिन आज जब लोगों को उनके अनुसार परिणाम नहीं मिलता, लोग अपने अनवरत प्रयास छोड़ देते हैं, कर्म और भाग्य को दोष देने लगते हैं। कोई वजह न मिले तो खुद को दोषी मान लेते हैं। और कभी-कभी गलत कदम उठाने से भी परहेज नहीं करते। लेकिन सच तो यह है कि जिसने स्वामी विवेकानंद को पढ़ा है, उनके जीवन से प्रेरणा ली है, वो ऐसे कदम कभी नहीं उठाते।
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के युवाओं व नौजवानों को समर्पित एक खास दिन है
12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के उन युवाओं व नौजवानों को समर्पित एक खास दिन है, जो देश के भविष्य को बेहतर और स्वस्थ बनाने का क्षमता रखते हैं। भारतीय युवा दिवस को 12 जनवरी को मनाने की एक खास वजह है। इस दिन स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। स्वामी विवेकानंद की जयंती को देश के युवाओं के नाम पर समर्पित करते हुए हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा । स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वह वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। छोटी उम्र से ही उन्हें अध्यात्म में रुचि हो गई थी। पढ़ाई में अच्छे होने के बावजूद जब वह 25 साल के हुए तो अपने गुरु से प्रभावित होकर नरेंद्रनाथ ने सांसारिक मोह माया त्याग दी और संयासी बन गए ।
एक-एक वचन आज भी प्रासंगिक हैं
अगर गौर करें तो स्वामी जी के मुख से निकले एक-एक वचन आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने की उनके समय में थे। खास बात यह है कि जब आप किसी काम को लेकर निराश हो जाते हैं, तब स्वामी विवेकानंद की कहीं हुई बातें एक अलग ही ऊर्जा प्रदान करती हैं। स्वामी जी के विचार जीवन के हर पहलु को छूने वाले होते हैं। स्वामी जी के उन 10 विचारों की, जो मन में उठने वाली नकारात्मक तरंगों को सकारात्मक में बदल देते हैं और हर किसी को एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।
जानें 10 अनमोल विचार
1- उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको।
2- आप जोखिम लेने से भयभीत न हों, यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते हैं, और यदि हारते हैं, तो आप दूसरों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
3- अपने इरादों को मज़बूत रखो, लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो, एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे।
4- यह कभी मत कहो कि- “मैं नहीं कर सकता”, क्योंकि आप अनंत हैं, आप कुछ भी कर सकते हैं।
5- यदि आप खुद को कमजोर समझते हैं तो यह सबसे बड़ा पाप है।
6- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
7- दुनिया एक महान व्यायामशाला है, जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
8- एक रास्ता खोजो, उस पर विचार करो, उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो, उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो, मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता का यही रास्ता है।
9- बड़ी योजना की प्राप्ति के लिए, कभी भी ऊंची छलांग मत लगाओ, धीरे-धीरे शुरू करो, अपनी ज़मीन बनाये रखो और आगे बढ़ते रहो।
10- जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान सा लगता है परन्तु आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है।