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देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने आई है। जिसमें एक वायरस का खतरा बढ़ गया है।
सुपरबग का कहर-
अमेरिका को डरा रहा सुपरबग अब दुनिया में सबसे घातक बीमारी के रूप में सामने आने लगा है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन डिपार्टमेंट (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीमारी पर किसी दवाई का कोई असर नहीं होता है। एशिया में यह बीमारी व्यापक रूप से सबसे अधिक जान भारत में ही ले रही है। मेडिकल जर्नल लांसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के एक शोधकर्ता ने बताया कि आने वाले समय में हर वर्ष एक करोड़ लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवा देंगे।
CDC रिपोर्ट-
CDC के मुताबिक अकेले अमेरिका में सुपरबग हर साल 50 हजार लोगों की जान ले लेता है। जिसमें हर 10 मिनट में सुपरबग अमेरिका में एक व्यक्ति की जान ले रहा है। अमेरिका जैसे उन्नत देश में यह आंकड़ा बेहद डराने वाला है। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सुपरबग किसी भी अन्य बीमारी के मुकाबले अमेरिकियों की मौत का अधिक कारण बन रहा है। सुपर बग को मेडिकल क्षेत्र में एंटी माइक्रोबियल-रेसिस्टेंट के नाम से भी जाना जाता है। जिसके बाद सुपरबग से हर दस मिनट पर एक अमेरिकी की जान जाने से चिंतित अमेरिका ने इस पर एक टास्क फोर्स ‘US नेशनल स्ट्रेटेजी फॉर कॉम्बेटिंग एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट बैक्टीरिया’ को गठित किया है।
सुपरबग वायरस-
सुपरबग बनने के बाद यह स्किन टू स्किन टच, घाव लगने, सलाइवा से लोगों में फैलता है। सुपरबग बीमारी हो जाने के बाद दवाएं मरीजों पर काम नहीं करती हैं ऐसे में मरीज को बेहद पीड़ा से गुजरना पड़ता है। फिलहाल सुपरबग की कोई दवाई मौजूद नहीं है लेकिन उचित रोकथाम करके हम इसे रोक सकते हैं।
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