इसरो ने रचा इतिहास, भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस श्रीहरिकोटा से हुआ लॉन्च, जानें

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो गया है।

नये युग की शुरुआत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो गया है। भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस, विक्रम साराभाई के नाम पर, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया है। रॉकेट का निर्माण “स्काईरूट एयरोस्पेस” द्वारा किया गया है। इसकी लॉन्चिंग के बाद भारत के स्पेस मिशन में प्राइवेट रॉकेट कंपनियों की एंट्री हो गई है। विक्रम-एस रॉकेट ने देश की स्पेस इंडस्ट्री में प्राइवेट सेक्टर की एंट्री को एक नई दिशा प्रदान की है, जिस पर दशकों से सरकारी स्वामित्व वाले ISRO का प्रभुत्व था। ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ भारत की पहली प्राइवेट सेक्टर की कंपनी बन गई है, जिसने 2020 में केंद्र सरकार द्वारा स्पेस इंडस्ट्री को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाने के बाद भारतीय स्पेस प्रोग्राम में कदम रखा है। ‘विक्रम-एस’ रॉकेट को आज सुबह करीब 11:30 पर लॉन्च किया गया।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और दिवंगत वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर किया नामकरण

विक्रम-एस सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसके लॉन्चिंग के बाद 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा। रॉकेट का नामकरण भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और दिवंगत वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर किया गया है। इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया। मिशन में दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को ले जाया जाएगा। विक्रम-एस उप-कक्षीय उड़ान में चेन्नई के स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब के तीन पेलोड ले जाये जाएंगे। स्काईरूट के एक अधिकारी ने कहा कि 6 मीटर लंबा रॉकेट दुनिया के पहले कुछ ऐसे रॉकेट में शामिल है जिसमें घुमाव की स्थिरता के लिए 3-डी प्रिंटेड ठोस प्रक्षेपक हैं।