देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते है। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। तुर्की और सीरिया में भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है। इस हादसे में अब तक दोनों देशों में हजारों लोगों की मौत की खबर है। जिस पर सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने इसे “देश के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा भूकंप” करार दिया है।
चार हजार से अधिक लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिसमें 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। भूकंप के तेज झटकों ने हजारों इमारतों को तबाह कर दिया। तुर्किए और सीरिया में भीषण भूकंप के बाद मृतकों की संख्या चार हजार 300 से अधिक हो गई है। इन क्षेत्रों में हजारों लोग घायल हुए हैं जबकि सैकड़ों लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। तुर्किए और सीरिया के शहरों में बचाव दल मलबों की तलाशी कर रहे हैं और माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
तुर्किए- सीरीया में भूकंप से तबाही
दरअसल दोनों देशों में कल सात दशमलव आठ तीव्रता का भूकंप उस समय आया जब सभी लोग सो रहे थे। 1939 के बाद तुर्किए में यह सबसे भयानक त्रासदी है। तुर्किए, सीरिया, लेबनान, साइप्रस और इजराइल में करोड़ो लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। सुदूर डेनमार्क और ग्रीनलैंड में भी इस शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान और राहत कार्यों के लिए बहुत से देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ और इजराइल सहित पूरे विश्व से सहायता की पेशकश की गई है।
भारत ने भेजी एनडीआरएफ टीम
भारत ने भूकंप से प्रभावित तुर्किए में राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तलाशी और राहत दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों के दस्ते, चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति, खुदाई करने वाली मशीनें और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा है कि भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत की क्षमता का उपयोग किया जा रहा है। सरकार ने कल भूकंप प्रभावित तुर्किए में राहत सामग्री के साथ तलाशी और राहत दलों को तत्काल भेजने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। साथ ही भारत ने इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हाथ भी बढ़ाया है। पीएम मोदी ने कहा कि, भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है। जिसके लिए भारत ने एनडीआरएफ की टीम भेजी है।
सात दिन का राष्ट्रीय शोक
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बीच तुर्की ने सात दिन के शोक की घोषणा की। सर्दियों के बर्फ़ीले तूफ़ान से बचाव में बाधा आ रही थी जिसने प्रमुख सड़कों को बर्फ से ढक दिया। अधिकारियों ने कहा कि भूकंप ने क्षेत्र में तीन प्रमुख हवाईअड्डों को निष्क्रिय कर दिया, जिससे महत्वपूर्ण सहायता की डिलीवरी और जटिल हो गई।