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सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में एक बार फिर बड़ी राहत दी है। हल्द्वानी रेलवे भूमि प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। जिसमें सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण, कॉलिन गोंजाल्वेज़ जैसे दिग्गज वकील बनभूलपुरा की अवाम की ओर से पैरवी कर रहे थे।
अगली सुनवाई दो मई को होगी
जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे के लिए और समय मांगने पर न्यायालय ने अगली तारीख 2 मई घोषित कर दी है। अब रेलवे प्रकरण में अगली सुनवाई दो मई को तय हुई है। रेलवे और राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में आठ सप्ताह का समय मांगा गया है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख निर्धारित कर दी है।
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में 4000 से ज्यादा परिवार कई सालों से रह रहे थे। 29 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से सटे गौला नदी में अवैध खनन के खिलाफ 2013 में उत्तराखंड में एक जनहित याचिका दायर की थी। अब ये जमीन रेलवे की बताई जा रही है और यहां से 50000 से ज्यादा लोगों को हटाने का आदेश दिया गया था, जिसके बाद ये लोग धरने पर बैठे। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को शहर के बनभूलपुरा इलाके में 29 एकड़ रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते में जगह खाली करने का आदेश दिया था। इस मामले में दो जनवरी को प्रभावित सर्वोच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे। मामले में पांच जनवरी को कोर्ट ने राज्य सरकार, रेलवे से पक्ष रखने के लिए सात फरवरी की तिथि नियत की। इधर सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रेलवे ने 8 हफ्ते का समय मांगा। रेलवे का पक्ष सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई की अगली सुनवाई तय कर दी है।
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