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देहरादून में 2 अक्टूबर से चलो मोहंड’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया । दरसअल देहरादून में डाटकाली से मोहंड तक एलिवेटेड रोड का निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए 11 हजार पेड़ों को काटने के लिए चिह्नित किया गया है। इन पेड़ों को बचाने के लिए अब विभिन्न संस्थाएं और संगठन एकजुट हो गए हैं। और पेड़ों को बचाने की मुहिम चला रहे हैं ।
वनों के बिना पृथ्वी पर जीवन अकल्पनीय है
संगठनों ने हाथों में तख्तियां लेकर और पेड़ों पर चिपक कर पेड़ों के काटे जाने का विरोध प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि वनों के बिना पृथ्वी पर जीवन अकल्पनीय है ।
बादल फटने की घटना, बाढ़, कोरोना जैसी बीमारी प्रकृति से खिलवाड़ का ही नतीजा है
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ‘वन न केवल हमारी भूमि के लिए फेफडे़ का काम करते हैं, बल्कि भूमि की रक्षा एवं पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवन के सृजन में भी सहायक होते हैं, लेकिन हम लगातार विकास के लिए वनों का विनाश कर रहे हैं। आगे कहा कि बादल फटने की घटना, बाढ़, कोरोना जैसी बीमारी प्रकृति से खिलवाड़ का ही नतीजा है।
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