आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल का हमारे जीवन में काफी असर पड़ रहा है। जिससे हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। वहीं युवाओं में कोलन कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है। आज इसी संबंध में हम आपको जानकारी देंगे।
कोलन कैंसर का खतरा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोलन कैंसर एक गंभीर प्रकार है, जो आज युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है। कुछ समय पहले इसे लेकर दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (DSCI) ने एक स्टडी जारी की है, जिसमें यह बताया गया कि कोलन कैंसर 31-40 साल की उम्र के युवाओं में तेजी से देखने को मिल रहा है। कोलन कैंसर की घटनाएं पिछले दो दशकों से बढ़ रही हैं। कोलन कैंसर आम तौर पर 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि, पिछले 15 वर्षों में कोलन कैंसर से पीड़ित 20 से 49 वर्ष की आयु के लोगों की संख्या में हर साल लगभग 1.5% की वृद्धि हुई है।
कोलन कैंसर क्या है
कोलन कैंसर, जिसे कोलोरेक्टल कैंसर भी कहा जाता है, कोलन या रेक्टल सेल्स में डीएनए म्यूटेशन के कारण होने वाली एक बीमारी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक कोलोरेक्टल कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कोलन या रेक्टम यानी मलाशय में सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। कोलन बड़ी आंत या बॉवल होता है, वहीं मलाशय वह मार्ग है, जो कोलन को एनस से जोड़ता है।
कोलन कैंसर के जोखिम कारक है
♐♐धूम्रपान : चबाने वाले तम्बाकू और ई-सिगरेट सहित तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करने से कोलन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
♐♐अत्यधिक शराब का सेवन: आम तौर पर, पुरुषों और AMAB वाले लोगों को शराब युक्त पेय पदार्थों का सेवन दिन में दो बार तक ही सीमित रखना चाहिए। महिलाओं और AFAB वाले लोगों को शराब युक्त पेय पदार्थों का सेवन दिन में एक बार तक ही सीमित रखना चाहिए। हल्का शराब का सेवन भी कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
♐♐मोटापा होना : उच्च वसा, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपके वजन पर असर पड़ सकता है और कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
♐♐ऐसा आहार लें जिसमें बहुत सारा लाल मांस और प्रसंस्कृत मांस शामिल हो: प्रसंस्कृत मांस में बेकन सॉसेज और लंचमीट शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपको सलाह देते हैं कि आप लाल मांस और प्रसंस्कृत मांस को सप्ताह में दो बार तक ही सीमित रखें।
♐♐व्यायाम न करना: किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि से कोलन कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है।