सबका साथ सबका विकास’ हो रहा साकार, देशभर में पांच दिव्यांगता खेल केंद्र खोलेगी सरकार

इस वैश्विक महामारी में भी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। इसी क्रम में अब देशभर में सरकार पांच दिव्यांगता खेल केंद्र स्थापित करने जा रही है। रविवार को केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा है कि देश के दिव्यांगजनों में खेलों के प्रति रुचि और पैरालंपिक में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में पांच ‘दिव्यांगता खेल केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनमें से एक केंद्र गुजरात के अहमदाबाद शहर में खोला जाएगा।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हुआ शिविर का आयोजन

गुजरात के जामनगर में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की एडीआईपी योजना के तहत दिव्यांगजनों को सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण के लिए ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ का आयोजन किया गया था। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में यह आयोजन हुआ था। इस शिविर को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत गुजरात को 8.06 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, इससे 2,808 छात्रों को लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने आगे कहा कि सुगम्य भारत अभियान के तहत 709 रेलवे स्टेशनों, 10,175 बस स्टेशनों और 683 वेबसाइटों को शामिल किया गया है। इन सभी को दिव्यांग जनों के अनुरूप ढाला जाएंगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा मध्य प्रदेश के सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र पर भी काम शुरू कर दिया गया है।

लगभग 4 हजार दिव्यांग जनों को मिलेगा फायदा

शिविर का आयोजन एएलआईएमसीओ और जामनगर जिला प्रशासन के सहयोग से दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा किया गया था। 3805 दिव्यांगजनों को प्रखंड/पंचायत स्तर पर 3.57 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 6225 सहायता एवं सहायक उपकरण नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे।

ये उपकरण किए जाएंगे वितरित

विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण, जिन्हें ब्लॉक स्तर पर मूल्यांकन शिविरों के दौरान पंजीकृत दिव्यांगजनों के बीच वितरित किया जाना है, उनमें 220 मोटर चालित ट्राइ-साइकिल, 665 ट्राइ-साइकिल, 385 व्हीलचेयर, 998 बैसाखी, 621 वॉकिंग स्टिक, 60 रोलेटर, 185 स्मार्ट फोन, 437 स्मार्ट छाड़ियाँ , 40 डेजी प्लेयर, 24 ब्रेल किट, 06 ब्रेल कैन, 163 सी.पी. चेयर, 856 एमएसआईईडी किट, 165 एडीएल किट (कुष्ठ रोग के लिए) 60 सेल फोन, 606 श्रवण यंत्र, 765 कृत्रिम अंग और कैलिपर आदि शामिल हैं।

पैरा प्रतियोगिताओं में भारत का नाम हो रहा है रोशन

शुरुआती दौर में पैरा-खिलाड़ियों को उचित सम्मान व आवश्यक सुविधाएं ना मिलने से खिलाड़ियों के लिए मुश्किल था कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल कर पायें, लेकिन लगातार कड़ी मेहनत और सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप उन्होंने दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया। यही कारण है, जिससे बाकी प्रतिभाशाली दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के रास्ते खुल गए हैं।