अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में आज 01 सितंबर रविवार को उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश व्यापी संवाद यात्रा अल्मोड़ा पंहुची।
महाधिवक्ता के बयान पर जताई गहरी नाराजगी
अल्मोड़ा पहुंचने पर यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर संगठन ने महाधिवक्ता उत्तराखंड के नाम पर जो रिपोर्ट मीडिया में छपी है, उसे फर्जी बताया। संगठन ने महाधिवक्ता के बयान पर गहरी नाराजगी जताई। कहा कि धारा 243 का जिक्र किया गया है लेकिन धारा 213 तथा 254 (2) का जिक्र क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के मनोबल को कम करने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है। इसका मुह तोड़ जवाब दिया जाएगा। कहा कि 2 साल का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग संवैधानिक है।
कहीं यह बात
इस मौके पर जिला सम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें संगठन के प्रदेश संयोजक तथा मुख्य वक्ता जगत मर्तोलिया ने कहा कि बार-बार अनुच्छेद 243 का जिक्र कर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर यह सही है तो उत्तराखंड सरकार ने 1996 में गठित पंचायतों का कार्यकाल वर्ष 2002 में संविधान के अनुच्छेद 213 का सहारा लेकर कैसे कार्यकाल बढ़ाया। इस अनुच्छेद का सहारा लेकर झारखंड में भी 2021 में कार्यकाल बढ़ा है। इस कार्यकाल बढ़ोतरी में निर्वाचित सदस्यों को ही कार्य करने का अवसर दिया गया है। हमारा भी फोकस यही है।
व्यक्त किए विचार
इस मौके पर सितारगंज विकास खंड के ग्राम प्रधान अमरजीत, हवलबाग ब्लाक के अध्यक्ष देब सिंह भोजक, ताडीखेत के राजेश कुमार, जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह फर्त्याल, बीना उपाध्याय, हंसा मर्तोलिया, शीला डोगरा, भगवती देवी, नवीन सिंह, जयपाल सिंह, मनोज मेहरा, भुवन चंद, मनीष रावत, पिंकी बिष्ट, अर्जुन सिंह, किशन सिंह बिष्ट, सुरेश चंद्र जोशी, उमेश चंद्र नैनवाल आदि ने विचार व्यक्त किया।