भारत में कैंसर बीमारी पर वैज्ञानिकों ने किया गहरा अध्ययन, निकाला इलाज, मात्र 100 रूपये में मिलेगी यह दवाई

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। भारत में कैंसर के मामले बढ़ रहें हैं। जो एक बड़ा चिंता का विषय है।

वैज्ञानिकों ने किया गहन अध्ययन

इसी बीच एक जरूरी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में कैंसर के मामलों को देखते हुए टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी टैबलेट विकसित की है। बताया है कि यह कैंसर का इलाज करने और दूसरी बार कैंसर होने से रोकने में मदद कर सकती है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने गहरा अध्ययन किया है और यह टैबलेट विकसित की है। बताया है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी FSSAI से टैबलेट को मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद यह टैबलेट बाजार में उपलब्ध होगी। वहीं यह टेबलेट सिर्फ 100 रुपये में हर जगह मिलेगी।

रेसवेरेट्रॉल और कॉपर कंबाइंड प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस शोध को करने के लिए चूहों में मनुष्य के कैंसर सेल डाले गए थे। जिसके बाद उनमें ट्यूमर निर्माण हुआ। फिर रेडिएशन थेरेपी, कीमो थेरेपी और सर्जरी के जरिए उनका इलाज किया गया। जिसमें पाया गया कि जब कैंसर सेल्स मर जाती है तो वो बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है इन टुकड़ों को क्रोमेटिन कण कहा जाता है। जो ब्लड फ्लो के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में जा सकते हैं और जब वे हेल्दी सेल्स में प्रवेश करते हैं तो वह उन्हें कैंसर सेल में बदल सकते हैं, जिस वजह से कैंसर से नष्ट होने के बाद भी वापस आ सकते हैं। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए ही डॉक्टरों ने चूहों को रेसवेरेट्रॉल और कॉपर कंबाइंड प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट दी। यह टैबलेट क्रोमेटिन कण के असर को रोकने में फायदेमंद रही।