केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 पर अमल करते हुए सरकार भविष्य के लिए कार्यबल तैयार करने के लिए शिक्षा और कौशल के बीच अधिक तालमेल बनाने के लिए काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘रोजगार सृजन और उद्यमिता-आजीविका के लिए आगे का रास्ता’ विषय पर आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के समापन सत्र को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था तीव्र गति से बढ़ रही है और भारत का भविष्य बहुत ही आशाजनक दिख रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए कौशल क्षमता का निर्माण महत्वपूर्ण है।
एनईपी से तैयार होंगे भविष्य के कार्यबाल
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमारे युवाओं को 21वीं सदी के कौशल से लैस करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में कल्पना की गई थी, सरकार भविष्य के लिए कार्यबल तैयार करने के लिए शिक्षा और कौशल के बीच अधिक तालमेल बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एनईपी एक मजबूत शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और अंततः आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने में योगदान देगा।
प्रौद्योगिकी समाज दे रही नया आकार
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और प्रौद्योगिकी समाज को नया आकार दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के व्यापक आगमन और बदलते समाज के साथ हमारे शिक्षकों को फिर से कुशल बनाने की जरूरत है।
डिजिटल सामग्री विकसित करके शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित की है
उन्होंने बताया कि महामारी के दौरान शैक्षणिक संस्थान और कौशल विकास केंद्र प्रभावित हुए हैं, लेकिन सरकार ने बड़े पैमाने पर डिजिटल सामग्री विकसित करके शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित की है। उन्होंने आगे बताया कि निकट भविष्य में हर गांव हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ जाएगा और बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण के ये प्रयास नई शिक्षा, कौशल और उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।