पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन, जन जनजागरूकता, लोकसंस्कृति एवं परंपरागत ज्ञान के संरक्षण को लेकर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,परिसर अल्मोड़ा में “पर्यावरण एवं हरेला पर्व” विषय पर वनस्पति विज्ञान विभाग में भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी के संरक्षकत्व में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक के तौर पर प्रो इला साह, डॉ बचन लाल और भाषण प्रतियोगिता के संयोजक डॉ ललित चंद्र जोशी शामिल हुए।
भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, बच्चों में उत्साह
इस अवसर पर निर्णायक के तौर पर प्रो इला साह ने कहा कि हरेला हमारे पर्यावरण से जुड़ा हुआ लोकपर्व है। इसकी महत्त्ता को सामने लाने के लिए कुलपति प्रो.नरेंद्र भंडारी जी का प्रयास स्तुत्य है। भाषण के प्रतियोगियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों में हरेला प्रतियोगिता के प्रति उत्साह देखा जा रहा है। जो सराहनीय है।
निर्णायक डॉ बचन लाल ने कहा कि लोक की जड़ें काफी गहरी हैं। लोक में हरेला पर्व , कृषि की समृद्धता, पर्यावरण की विशेषता, महत्व को लेकर मनाया जाता है। हरेला पर्व हमारे कृषि और पर्यावरण से जुड़ा है तथा यह सूचक का कार्य करता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के प्रयासों से जुड़ने की बात कही।
जन- जन तक पर्यावरण चेतना विकसित करने के लिए हरेला महोत्सव की शुरुआत
भाषण प्रतियोगिता के संयोजक और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डॉ. ललित जोशी ने कहा कि लोक में पर्यावरण का ज्ञान समाहित है। लोक में पर्यावरण के ज्ञान को हम लोकपर्वों में भली भांति देखते हैं। हम जिन्हें भूल रहे हैं। ऐसे में हरेला महोत्सव के रूप में माननीय कुलपति प्रो भंडारी सर ने जन- जन तक पर्यावरण चेतना विकसित करने के लिए हरेला महोत्सव की शुरुआत की है। यह हमारे समाज के लिए मिशाल भी है।
इतने लोगों ने किया प्रतिभाग
इस अवसर पर हरेला महोत्सव के संयोजक और शोध एवं प्रसार न प्रो जगत सिंह बिष्ट ने सहयोग किया और दिनेश पटेल, दिव्या जोशी, मनदीप टम्टा, नेहा साह, ऐश्वर्या कोहली, आँचल राज, निहारिका कपिल, नेहा नयाल, सुनीता भोज, सुमन बिष्ट, रोहन नाथ, रंजना जोशी, अभिषेक नेगी, वैभव गहत्याड़ी, सुरेश जोशी, निकिता, प्रियंका बिष्ट, मीरा बोरा ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।