युगों-युगों से भारतीय संस्कृति, प्रकृति के सामंजस्य में फलती-फूलती आई है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने भी पर्यावरण की बेहतरी के लिए सतत विकास की प्रतिबद्धता को दोहराया और बीते कुछ साल में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। इसी का नतीजा रहा कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) में शीर्ष 10 देशों में पहली बार भारत का नाम दर्ज हुआ। आइए जानते हैं पर्यावरण को लेकर भारत सरकार द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में…
केंद्र सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदम:
जैव-ईंधन को प्रोत्साहन
केंद्र सरकार बेहतर पर्यावरण के लिए जैव-ईंधन को प्रोत्साहन दे रही है। इस संबंध में पीएम मोदी ने ‘5 जून 2021’ को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के मौके पर “रिपोर्ट ऑफ द एक्सपर्ट कमेटी ऑन रोडमैप फॉर इथेनॉल ब्लेंडिंग इन इंडिया 2020-2025” जारी की थी। दरअसल, इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकता बन गई है। इसके लिए सरकार ने पुणे में इथेनॉल के उत्पादन और पूरे देश में वितरण के लिए महत्वाकांक्षी ई-100 पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। वहीं सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य प्राप्त करने का समय कम करके 2025 करने का संकल्प लिया है। 2014 तक पेट्रोल में औसत रूप में केवल 1.5 प्रतिशत इथेनॉल मिलाया जाता था जो अब बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गया है। 2013-14 में देश में लगभग 38 करोड़ लीटर इथेनॉल की खरीद हुई थी जो अब बढ़कर 320 करोड़ लीटर हो गई है। इथेनॉल खरीद में आठ गुना वृद्धि से देश के गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ हुआ है।
सिंगल यूज प्लास्टिक से बचने के बीच सफाई और स्वच्छ भारत जैसे अभियान
देश में ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ से बचने की दिशा में भी केंद्र सरकार ने ऐतिहासक कदम उठाए हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में स्वच्छ भारत अभियान की पहल की गई। आज देश का सामान्य जन इस अभियान के साथ जुड़कर कार्य कर रहा है। केवल इतना ही नहीं वैश्विक पटल पर एक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, भारत ने 11 से 15 मार्च 2019 तक नैरोबी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA) के चौथे सत्र में सिंगल-यूज प्लास्टिक और सतत नाइट्रोजन प्रबंधन से संबंधित दो महत्वपूर्ण वैश्विक पर्यावरण मुद्दों पर संकल्पों का संचालन किया। UNEA में इन दोनों प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड विजन पर आगे बढ़ता भारत
भारत जलवायु परिवर्तन से पैदा हुई चुनौतियों के प्रति जागरूक है और सक्रिय रूप से इस दिशा में काम भी कर रहा है। इसके लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना के वैश्विक विजन के साथ आगे बढ़ रहा है ताकि एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड विजन को हासिल किया जा सके।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष 5 देशों में
अक्षय ऊर्जा के लिए भारत की क्षमता में बीते 6 से 7 वर्षों में 250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। भारत आज स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष 5 देशों में आता है। विशेषकर सौर ऊर्जा की क्षमता पिछले 6 वर्षों में लगभग 15 गुना बढ़ी है।
37 करोड़ से अधिक LED बल्ब किए वितरित
केंद्र सरकार ने 37 करोड़ से अधिक LED बल्ब और 23 लाख से अधिक ऊर्जा की कम खपत करने वाले पंखे वितरित किए। इसके अलावा करोड़ों लोगों को बिजली का कनेक्शन दिए जाने से लकड़ी पर उनकी निर्भरता काफी कम हो गई है। प्रदूषण को कम करने के अलावा इससे स्वास्थ्य सुधार और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत बनाने में मदद मिली है।
वन भी पिछले कुछ वर्षों में 15 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़े
अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ देश में वन भी पिछले कुछ वर्षों में 15 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़े हैं। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का कुल वन और वृक्ष आवरण बढ़कर 24.56 प्रतिशत हो गया। वर्तमान में, देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 80.73 मिलियन हेक्टेयर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.56 प्रतिशत है। 2017 के आकलन की तुलना में कुल वन और वृक्ष आवरण में 5,188 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। पिछले कुछ वर्षों में हमारे देश में बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है और तेंदुओं की संख्या में भी लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 2,967 हो गई है।
रेलवे नेटवर्क के एक बड़े हिस्से का विद्युतीकरण
आज देश में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार से निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने में मदद मिली है। वहीं देश के रेलवे नेटवर्क के एक बड़े हिस्से का विद्युतीकरण कर दिया गया है। देश के हवाई अड्डों को भी तेजी से सौर ऊर्जा से बिजली उपयोग योग्य बनाया गया है। 2014 से पहले केवल 7 हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा सुविधा थी, जबकि आज यह संख्या बढ़कर 50 से अधिक हो गई है। 80 से अधिक हवाई अड्डों को एलईडी लाइट के साथ स्थापित किया गया है।
अगला कदम, इलेक्ट्रिक वाहन शहर बनाना
देश में इलेक्ट्रिक वाहन शहर बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। जी हां, इसके अंतर्गत केवड़िया को एक इलेक्ट्रिक वाहन शहर के रूप में विकसित करने की परियोजना पर काम चल रहा है। इसके लिए आवश्यक बुनियादी अवसंरचना उपलब्ध कराई जा रही है ताकि भविष्य में केवड़िया में केवल बैटरी आधारित बसें, दोपहिया, चार पहिया वाहन ही चलें।
इस प्रकार भारत विश्व के लिए यह उदाहरण पेश कर रहा है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए विकास को रोकना आवश्यक नहीं है। अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। और यही वह मार्ग है जिसे भारत ने चुना है।