Supermoon 2022: आसमान में आज‌ दिखेगा सुपरमून चांद, धरती के सबसे ज्यादा करीब आएगा चांद, जानें क्या होगा खास

आज‌ 13 जुलाई 2022 है। आज‌ रात कुछ बड़ा और खास होने वाला है। जी हां आज‌ की रात धरती को चांदनी रंग में रंगने पूर्णिमा का चांद आ रहा है। इस चांद को सूपरमून का नाम दिया गया है।

🌕आज होगा सुपरमून का दीदार-

आज 13 जुलाई को धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी। इस सुपरमून को बक मून (Buck moon) भी कहा जाता है। इसका यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि कहा जाता है कि साल के इस समय पर नर हिरण (buck) के नए सींग उगते हैं। बक्स के सींग हर साल गिराते हैं और फिर नए सींग आते हैं और साल बीतने के साथ उनके सींग और विशाल और खूबसूरत होते जाते हैं।

🌕धरती के सबसे निकट आएगा चांद-

सुपरमून तब होता है, जब चंद्रमा अपने आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देता है, क्योंकि इसकी दूरी पृथ्वी से सबसे कम होती है। सबसे पास होने के कारण चांद बड़ा तो दिखाई ही देता है, साथ ही बेहद चमकदार भी दिखाई देता है। इस स्थिति को परीजी (Perigee) कहा जाता है। इसके साथ ही धरती की परिक्रमा के दौरान चांद दूर भी जाता है, जिसे अपोजी (Apogee) कहा जाता है। इस समय धरती और चंद्रमा के बीच दूरी 4,05,500 किलोमीटर होती है।

🌕आज‌ दिखेगा सबसे बड़ा सुपरमून-

NASA के मुताबिक 13 जुलाई को साल 2022 का सबसे बड़ा सुपरमून देखने को मिलेगा। सुपरमून अगले 2-3 दिनों तक दिखेगा। भारतीय समय के मुताबिक इसे गुरुवार की सुबह 12:08 AM. पर देखा जा सकता है। इसी दौरान पूर्णिमा भी पड़ेगी। जो अगले 2-3 दिन दिखेगी। हालांकि ये पूर्णिमा नहीं होगी, लेकिन कुछ उसी तरह से दिखाई देगी। इसका सबसे बड़ा कारण चांद का आकार होगा।

🌕भारत में इतने‌ बजे होगा उदय-

भारत में बुधवार को चंद्रमा शाम 5.43 बजे उदय होगा, जबकि नैनीताल में 7.18 बजे उदय होगा और तड़के यानी 14 जुलाई की सुबह 4.26 बजे अस्त होगा। इसके बाद 14 जुलाई की रात को भी पूर्ण चंद्रमा नजर आएगा। मगर उसकी चमक कुछ कम हो चुकी होगी, जबकि आकार भी कुछ कम होगा। इस बीच खास बात यह होगी रात 12.08 बजे फुलमून के कुछ समय बाद शनि ग्रह का भी उदय हो रहा होगा।

🌕क्या होता है सुपरमून-

सुपरमून (Supermoon) एक ऐसी खगोलीय घटना है जब चांद पृथ्वी की कक्षा के बहुत नजदीक आ जाता है। इस कारण चांद का आकार सामान्य से बड़ा दिखने लगता हैं। चांद के धरती के सबसे करीब आने को परीजी (Perigee) कहते हैं। सुपरमून के दौरान चांद की दूरी पृथ्वी से 357,264 किलोमीटर होगी। सुपरमून शब्द की शुरुआत साल 1979 में हुई। ज्योतिषी रिचर्ड नोले ने इस शब्द को चलन में आया था। जब चंद्रमा धरती के निकटतम 90 फीसदी के दायरे में आता है, तो इस खगोलीय घटना को सुपरमून कहते हैं। सुपरमून को ‘बक मून’ के नाम से भी जानते हैं। इसके साथ दुनिया भर में इसको अलग-अलग नाम से जाना जाता है।