भारतीय जनता पार्टी ने पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद के कामकाज में रूकावट डालने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जासूसी मामले में दस देशों का नाम आया है लेकिन अन्य देशों में विपक्ष की प्रतिक्रिया भारत के विपक्षी दलों की तरह नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें भारतीय संस्थानों की छवि खराब करने और डाटा सुरक्षा संबंधी कानून को रोकने के लिए फैलायी जा रही हैं।
मंत्री के बयान की प्रति फाड़ कर उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए
आज, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य सभा में कार्यवाही के दौरान कुछ कागज फाड़ डाले । यह घटना उस वक्त हुई जब सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर सदन में बयान दे रहे थे । दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम पुकारा । इसी समय, तृणमूल कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल के सदस्य उनके समीप आ गए । उन्होंने नारेबाजी आरंभ कर दी और संभवत: मंत्री के बयान की प्रति फाड़ कर उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए । जिसके चलते केंद्रीय मंत्री वैष्णव हंगामे और शोरगुल के कारण अपना बयान पूरा नहीं पढ़ सके ।
कागजात छीनने जैसी घटना देश के लोकतंत्र में इससे पहले कभी नहीं हुई
सुश्री लेखी ने आरोप लगाया कि विपक्ष विशेषकर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि संसद में मंत्री के बयान दिए जाने के दौरान, उनसे कागजात छीनने जैसी घटना देश के लोकतंत्र में इससे पहले कभी नहीं हुई।