◆ केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 6 मई को सुबह छह बजकर पच्चीस मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इससे पहले एक मई को ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर में शाम की आरती के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भैरवनाथ की पूजा की जाएगी।
◆ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पूर्व विधायक करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वहीं, वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष और भुवन कापड़ी को उप नेता सदन की जिम्मेदारी दी है। कल देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नियुक्ति पत्र जारी किए।
◆ अल्मोड़ा के एसएसजे विश्वविद्यालय में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, शोध छात्रों व बीएड के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
◆ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज देहरादून में एक निजी अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को एहतियाती डोज का दिए जाने शुभारम्भ किया। इस बीच राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत अब तक एक सौ 85 करोड 78 लाख से अधिक कोविडरोधी टीके लगाऐ जा चुके हैं।
◆ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए नई खेल नीति में व्यापक उपाय किए गए हैं।
◆ शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने आज देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आजादी का अमृत महोत्सव सक्षम-2022 का शुभारम्भ किया। कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को एक बेहतर रमणीय, हरा-भरा व स्वच्छ स्थान बनाने के लिए सभी को ऊर्जा के संरक्षण और अनुकूलन का संकल्प लेना चाहिए।
◆ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज देहरादून में आयोजित उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के 11वें अधिवेशन में शामिल हुए, कहा- इस अधिवेशन के मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह कार्य के प्रति सभी लोगों को प्रेरणा देगा और नई ऊर्जा का संचार करेगा।
◆ उत्तराखण्ड के हल्द्वानी की कुसुम पांडेय को दृश्य कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए ललित कला अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार-2021 से सम्मानित किए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी।
◆ उत्तराखंड में इस साल अब तक 313 वनाग्नि की घटनाएं रिपोर्ट की जा चुकी हैं। वर्ष 2021 में प्रदेश में बीते 12 वर्षों में सर्वाधिक 2813 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं थीं।
◆ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (हरदा) ने कहा कि प्रदेश में नौकरशाही को मार्गदर्शन की जरूरत है। मुख्यमंत्री हो या मंत्री उन्हें एक बात समझनी पड़ेगी कि नौकरशाही से संवाद समाचार पत्रों के जरिये नहीं होता। बेपरवाह नौकरशाही राज्य के हित में अच्छी नहीं होती है और इस समय बहुत सारे नौकरशाह जो सत्ता के नजदीक हैं, बेपरवाह दिखाई दे रहे हैं।