उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। टिहरी डैम में अक्सर बरसात के मौसम में सिल्ट जमा होने की वजह से से बिजली उत्पादन कम हो जाता है, लेकिन टिहरी डैम के मामले में ऐसा नहीं है। बरसात में टिहरी डैम को पूरे क्षमता में चलाया जाता है। जिससे विभिन्न राज्यों में बिजली की खपत पूरी होती है। इस बार भी टिहरी डैम की चारों टरबाइनों को चलाया जा रहा है। जिससे बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़कर 24 मिलियन यूनिट हो गई है।
टिहरी डैम से हो रहा है 24 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन
बारिश की वजह से टिहरी झील लबालब भरा हुआ है। यही वजह है कि डैम के चारों टरबाइन चल रही है। जिससे बिजली के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। डैम से पैदा बिजली को नॉर्दन ग्रिड पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर समेत उत्तराखंड को दी जा रही है।
टिहरी बांध परियोजना में सिल्ट की किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं
बता दें कि मॉनूसन सीजन में जल विद्युत परियोजनाओं में सिल्ट आने के चलते बिजली उत्पादन प्रभावित हो जाती है। कई बार सिल्ट के कारण बिजली उत्पादन बंद करना पड़ता है। ऐसे में नॉर्दन ग्रिड को अतिरिक्त बिजली की जरूरत पड़ती है। टिहरी बांध परियोजना में सिल्ट की किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। यह बांध योजना सिल्ट फ्री है। जिसमें सिल्ट का कोई असर नहीं पड़ता. ऐसे में नॉर्दन ग्रिड अब बिजली आपूर्ति के लिए टिहरी डैम निर्भर है।
नॉर्दन ग्रिड ने टीएचडीसी से अतिरिक्त बिजली की है डिमांड
वहीं, नॉर्दन ग्रिड ने टीएचडीसी से अतिरिक्त बिजली की डिमांड की है। इसके बाद टीएचडीसी प्रबंधन की ओर से बिजली उत्पादन बढ़ा दिया गया है। अब तक नॉर्दन ग्रिड को 10 मिलियन यूनिट बिजली सप्लाई की जाती थी। जिसे बढ़ाकर 25 मिलियन यूनिट कर दिया गया है। इसके अलावा इन दिनों टिहरी डैम से पूरे क्षमता पर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
टिहरी डैम में बिजली उत्पादन बढ़ा
नॉर्दन ग्रिड की डिमांड के चलते 24 जुलाई तक टिहरी बांध से होने वाले 10 मिलियन यूनिट उत्पादन को 25 जुलाई से बढ़ाकर 24 से 25 मिलियन यूनिट प्रतिदिन कर दिया गया है। बरसात में टिहरी बांध परियोजना से इसी मात्रा में बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं, टिहरी झील का जलस्तर 815 आरएल मीटर (रिजर्व लेवल) पहुंच गया है। पिछले रिकॉर्ड की बात की जाए तो 25 और 26 जुलाई को 23 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ था। वहीं, 27 और 28 जुलाई को 23 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ। जबकि, 27 जुलाई को 24 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ 29, 30, 31 जुलाई और 1 अगस्त को 25 मिलियन यूनिट बिजली पैदा हुई। अभी चारों टरबाइन पूरे तरीके से चल रहे हैं।
टिहरी झील का जलस्तर बढ़ रहा है तेजी से
टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि इन दिनों टिहरी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। ऐसे में नॉर्दन ग्रिड ने टीएचडीसी से अतिरिक्त बिजली की डिमांड की है। जिसे पूरा करने के लिए इन दिनों पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन के लिए चारों टरबाइन चलाई जा रही है। पहले 10 मिलियन यूनिट की प्रतिदिन आपूर्ति की जा रही थी। जिसे बढ़ाकर अब 25 मिलियन यूनिट प्रतिदिन किया गया है।
टिहरी डैम के चारों टरबाइन से बिजली उत्पादन
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने 830 आरएल मीटर तक टिहरी झील को भरने की अनुमति दी है. इस बार उनका टारगेट है कि 830 आरएल मीटर तक झील का पानी भरा जाएगा ऊपरी इलाकों में बादल फटने या भारी मात्रा में पानी आता है तो उसे टिहरी झील में रोककर एब्जॉर्ब किया जाता है। इस बार पानी ज्यादा आया है तो चारों टरबाइन को फुल कैपेसिटी में चलाई जा रही है।