उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का तांडव अब कम होता दिख रहा है। देश में भी यही हालात बने हैं। इसी बीच उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है।
गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले मार्ग को मिली मंजूरी-
गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाली बहुचर्चित कंडी मार्ग को मंजूरी मिल चुकी है। अब जल्द ही उत्तराखंड सरकार की कंडी मार्ग का निर्माण शुरू करवाएगी ।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) ने पास किया प्रस्ताव-
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड(एनबीडब्ल्यूएल) ने उत्तराखंड के प्रस्ताव को पास कर दिया है। शुक्रवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें राज्य के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी शामिल हुए। उन्होंने कंडी मार्ग के प्रस्ताव को बोर्ड में रखा, जिसे बोर्ड ने पास कर दिया है।
200 साल पुराना है कंडी मार्ग का इतिहास-
टनकपुर ब्रह्मदेव मंडी से कोटद्वार तक जाने वाला मार्ग लगभग 200 साल पुराना है। ब्रिटिश सरकार इसे सब माउंटेन सड़क के नाम से पुकारती थी। उत्तरप्रदेश के समय पहाड़ और मैदान की सीमा रेखा को इसी से तय किया जाता था। उस समय सड़क के उत्तरी भाग में काम करने वाले सरकारी मुलाजिमों को यूपी सरकार हिल एनाउंस दिया करती थी।