उत्तराखंड: ‘हमने पहले भी कहा है कि यह एक रेलवे भूमि है। हम अदालत के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे’ – मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि सरकार उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 20 दिसंबर के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेगी, जिसने हजारों लोगों को बेदखल करने का निर्देश दिया था। धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के उच्च न्यायालय के आदेश पर शीर्ष अदालत द्वारा रोक लगाने पर आज प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने पहले भी कहा है कि यह एक रेलवे भूमि है। हम अदालत के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे।”

पीठ ने कहा, “50,000 लोगों को रातों-रात उजाड़ा नहीं जा सकता
शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तराखंड सरकार और भारतीय रेलवे को नोटिस जारी किया।जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की पीठ ने याचिकाओं पर भारतीय रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा, “50,000 लोगों को रातों-रात उजाड़ा नहीं जा सकता है,” पीठ ने कहा कि ऐसे लोगों को अलग करना होगा, जिनका जमीन पर कोई अधिकार नहीं है और रेलवे की जरूरत को पहचानते हुए पुनर्वास की जरूरत है।उत्तराखंड हाई कोर्ट में 20 दिसंबर को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से कब्जा हटाने का आदेश एक सप्ताह पहले रहवासियों को नोटिस देकर दिया था।
सोमवार को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था
हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने सोमवार को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। क्षेत्र से कुल 4,365 अतिक्रमण हटाए जाएंगे बेदखली का सामना कर रहे लोग कई दशकों से जमीन पर रह रहे हैं। रेजिडेंट्स, हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे है ।