उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की मार ने प्रदेश वासियों को तो हताहत किया ही है इसके साथ ही अन्य राज्यों से आये पर्यटक और पर्वतारोही दलों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। देश दुनिया से ट्रेकिंग के लिए लोग उत्तराखंड आते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से इन खूबसूरत वादियों का सफ़र पर्यटकों के लिए कुछ अच्छा नहीं रहा है।
अब तक 7 ट्रेकर्स के शव मिले
बीते दिनों प्रदेश के पर्वतीय जिले उत्तरकाशी में छितकुल हिमांचल की ट्रेकिंग के लिए के 8 पर्यटकों समेत 11 लोगों का दल हर्षिल से रवाना हुआ था और लमखागा क्रॉस होते हुए छितकुल हिमाचल की ओर जा रहा था। खराब मौसम की चपेट में आने से पूरा दल तितर बितर हो गया। बचाव अभियान के दौरान ट्रेकिंग के लिए गए में से पांच ट्रेकरों के शव मिले जिनको शुक्रवार को हर्षिल लाया गया। जबकि ट्रेक पर दो और शव भी दिखे हैं। ट्रेक के गाइड देवेंद्र चौहान पुत्र हरिराम ग्राम गंगाड पुरोला को जीवित हर्षिल लाया गया और रेस्क्यू कर उपचार के लिए हर्षिल पीएचसी में भर्ती किया गया है। अब तक ट्रेक से 7 लोगों के शव मिल चुके हैं जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं।
लापता ट्रेकर्स की तलाश जारी
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि, बचाव अभियान के दौरान मिले शव पश्चिम बंगाल और दिल्ली के रहने वाले पर्यटकों के थे। और अभी दो लापता ट्रेकरों की तलाश में छितकुल की पहाड़ियों पर हेलीकॉप्टर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
चार दिन तक खजूर और चॉकलेट खाकर जीवित रहा ट्रेकर
बचाव अभियान के दौरान जीवित पश्चिम बंगाल के ट्रेकर मिथुन ने कहा कि, बीते दिनों मौसम खराब होने के चलते उनका पैर फ्रैक्चर हो गया। और चार दिन वह टेंट में अपने साथी के साथ फंसे रहे। उसके बाद मौसम ज्यादा बिगाड़ जाने के बाद आनन फानन में उसका साथी भी लापता हो गया। खाने का सामान गुम हो जाने की वजह से उसने चार दिन खजूर और चॉकलेट खाकर बिताये।