उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर से बिजली बिल का झटका लग सकता है। ये झटका बिजली विभाग की तरफ से हर महीने 20 फीसदी तक हो सकता है। दरअसल उत्तराखंड पावर कॉरपरेशन ने बीते कुछ महीने पहले उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका दायर की थी। याचिका में UPCL पावर परचेज और फ्यूल चार्ज का पैसा हर महीने आम जनता से वसूल करने की मांग UPCL ने की थी जिस पर जन सुनवाई के बाद नियामक आयोग ने फैसला सुनाया।
हर महीने प्रदेश में 20 फीसदी तक बिजली दरों के बढ़ने के आसार
अब हर महीने UPCL बाजार से जो भी बिजली खरीदेगा उसका भार हर महीने प्रदेश के बिजली कंज्यूमर के बिजली बिल में जोड़ा जाएगा। इस फैसले के साथ नियामक आयोग ने उत्तराखंड पावर कॉरपरेशन को हिदायत दी है कि जो भी पैसा आयोग आम जनता से वसूल करेगा वो मौजूदा टैरिफ के 20 फीसदी तक रहेगा। यानी कि हर महीने प्रदेश में 20 फीसदी तक बिजली दरों के बढ़ने के आसार है। इस मामले में नियामक आयोग के टेक्निकल मेंबर एम के जैन का कहना है कि बाजार में बिजली महंगी मिल रही है, और उसे बिजली को बनाने में ज्यादा ईंधन खर्च हो रहा है।एम के जैन ने कहा कि इसलिए इसका असर उपभोक्ता तक आना लाजमी है।
20 से 25 बिलियन यूनिट बिजली खुले बाजार से खरीद कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाती है
मांग की आपूर्ति के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपरेशन रोजाना 20 से 25 बिलियन यूनिट बिजली खुले बाजार से खरीद कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाता है। साथ ही कहना है कि इसका असर तब ज्यादा पड़ेगा जब प्रदेश में बिजली का उत्पादन घटेगा, लेकिन उत्पादन बढ़ेगा तो बिजली के दाम घटने के भी आसार है क्योंकि प्रदेश में बिजली कारपोरेशन कम खरीद करेगा।
प्रदेश में 12 से 14 मिलियन यूनिट बिजली का होता है उत्पादन
आपको बता दें कि मौजूदा समय में 50 मिलियन यूनिट बिजली हर दिन खपत होती है और 12 से 14 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन प्रदेश में है, साथ ही 18 से 20 मिलियन यूनिट केंद्रीय पूल से उत्तराखंड को मिलती है। हर दिन UPCL 20 से 25 मिलियन यूनिट बाजार से खरीद करता है। महंगे दामों में बिजली खरीदने का असर अब आम जनता पर पड़ेगा और हर महीने बिजली के बिल में इजाफा देखने को मिलेगा।