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उत्तराखंड : चमोली : वन विभाग की अनुसंधान शाखा ने भारत-चीन सीमा से सटे देश के अंतिम गांव माणा में 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित देश का सबसे अधिक ऊंचाई वाला हर्बल गार्डन विकसित किया गया है जो कि शनिवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इस गार्डन में औषधीय महत्व की 40 प्रजातियों को संरक्षित किया गया है। माणा वन पंचायत के सरपंच पीतांबर मोल्फा ने इसका उद्घाटन किया।
पार्क को चार भागों में बांटा गया
हिमालय में उच्च ऊंचाई वाले अल्पाइन क्षेत्रों में ही पाई जाने वाली औषधीय प्रजातियां यहाँ देखी जा सकती हैं। आईएफएस संजीव ने बताया कि पार्क को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में भगवान बदरीनाथ से जुड़ी वृक्ष प्रजातियां शामिल हैं, जिनमें बद्री तुलसी, बद्रीबेर, बद्री वृक्ष और भोजपत्र का पवित्र वृक्ष शामिल है। और इसके अलावा दूसरे भाग में अष्टवर्ग की प्रजातियां शामिल हैं, जो हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली आठ जड़ी-बूटियों का एक समूह है।
पार्क के तीसरे भाग में यह प्रजाति संरक्षित की गई
इसके अलावा पार्क के तीसरे भाग में सौसुरे प्रजातियां संरक्षित की गई हैं। इसमें ब्रह्मकमल शामिल है, जो उत्तराखंड का राज्य फूल भी है। साथ ही अन्य तीन सौसुरे प्रजातियां – फेमकमल, नीलकमल, और कूट भी यहां उगाई गई हैं। पार्क के चौथे हिस्से में अन्य महत्वपूर्ण अल्पाइन प्रजातियों को संरक्षित किया गया है। इनमें अतिश, मीठाविश, वंककड़ी, और कोरू शामिल हैं, जो सभी बहुत महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियां मानी जाती हैं।
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उत्तराखंड टॉप टेन न्यूज़ (7 फ़रवरी, मंगलवार, फाल्गुन, कृष्ण, पक्ष, द्वितीय, वि. सं. 2079)