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सोमवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड को लेकर केदारनाथ में आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा और उन्हें बाबा केदार के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री के केदारनाथ पहुंचने पर हेलीपैड से मंदिर के रास्ते में तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उन्हें वहां से वापस जाने को मजबूर कर दिया। इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह बाबा केदार के दर्शन भी नहीं कर पाए।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने की मांग
बता दें कि चारधाम सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के रख-रखाव और प्रबंधन के लिए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन के प्रावधान वाला अधिनियम दो साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के शासनकाल में ही राज्य विधानसभा में पारित किया गया था। चारों धामों-बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि बोर्ड का गठन उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन है। इसे भंग करने की मांग को लेकर वे लंबे समय से आंदोलनरत हैं।
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