उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर की सुनवाई, 10 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

नैनीताल जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। नैनीताल हाईकोर्ट में विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा दायर की गई। जनहित याचिका पर सुनवाई की गई है। मामले में बबीता भंडारी और भूपेंद्र सिंह बिष्ट समेत 102 लोगों ने एकलपीठ को चुनौती दी है।

10 अक्टूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की। मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाओं की सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है।

विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों ने दायर की थी याचिका

मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबीता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह और 102 अन्य ने एकलपीठ को चुनौती दी है। याचिकाओं में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 और 29 सितंबर 2022 को समाप्त कर दी गई थी। बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार और किस कारण की वजह से हटाया गया इसका कहीं उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही उन्हें सुना गया है।

बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति किया गया कार्य

बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया है। एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है। यह आदेश विधि के खिलाफ है। विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015 के बीच में भी हुई हैंं, जिनको नियमित किया जा चुका है।

6 माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नहीं किया गया नियमित

याचिकाओं में कहा गया है कि 2014 तक हुई तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई, लेकिन उन्हें 6 वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया गया। अब उन्हें हटा दिया गया है। पहले उनकी नियुक्ति को 2018 में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। जिसमें कोर्ट ने उनके हित में आदेश देकर माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है, जबकि नियमानुसार 6 माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था।