उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष 29 जून को पिथौरागढ़ के चर्चित कोतवाल-अधिवक्ता विवाद में सरकार को सीसीटीवी फुटेज पेश करने के निर्देश दिए हैं।
हाइकोर्ट के अधिवक्ता प्रभात बोरा से थाने में की गई अभद्रता
आरोप है कि पिथौरागढ़ के कोतवाल रमेश तंवर द्वारा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रभात बोरा से थाने में अभद्रता की गयी। बोरा की ओर से इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है। दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता किसी मामले की पैरवी करने के लिए पिथौरागढ़ जनपद मुख्यालय गए थे। इस बीच गाड़ी पार्क करने को लेकर कोतवाल के साथ कहासुनी हो गयी। आगे कहा गया कि जब कोतवाल से ढंग से बात करने की बात की गयी तो उन्होंने गाली गलौज के साथ उन्हें धक्के मारकर बाहर कर दिया। जब उनके द्वारा इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक (एसपी) से की गई तो कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया।
सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग पेश करने के निर्देश
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने आज मामले को सुनने के बाद सरकार से थाने में मौजूद सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग पेश करने को कहा है।
प्रकरण में 10 मई को होगी सुनवाई
अब इस प्रकरण में 10 मई को सुनवाई होगी। पूर्व में अदालत की ओर से याचिकाकर्ता व उनके परिवार को सुरक्षा देने के आदेश भी दिए गए थे।