उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण पहुंचे। इस दौरान वह विधानसभा गेट पर एक घंटे उपवास पर बैठे। इस दौरान उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा समेत कांग्रेस कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
मैंने अपने सामर्थ्य के अनुरूप पूरा प्रयास किया, कुछ आज भी दिख रहा है, लेकिन काफी कुछ बिखर गया- हरीश रावत
इस दौरान कल और आएंगे नगमों की खिलती कलियां चुनने वाले, मुझसे बेहतर कहने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले…” पद्मश्री रचनाकार साहिर लुधियानवी की पंक्तियां गुनगुनाकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा अगली पीढ़ी को सौंपने की बात कही। पहाड़ को लेकर अपनी पीड़ा बयां करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपने सामर्थ्य के अनुरूप पूरा प्रयास किया, कुछ आज भी दिख रहा है, लेकिन काफी कुछ बिखर गया है।
कहीं यह बात
इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि बीते वर्ष उत्तराखंड सरकार की ओर से गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित करने का निर्णय टालना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपनी पार्टी को भी गैरसैंण का मुद्दा लेकर चुनाव में उतरने की सलाह दी थी, जिस पर नहीं चलने का खामियाजा 2017 और 2022 में भुगतना पड़ा।
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