बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां भोटिया पड़ाव बनखोला को जोहर समिति के नाम हस्तांतरित करने की मांग को लेकर समिति के लोगों ने देहरादून जाकर समाज कल्याण मंत्री से भेंट की।
समिति के लोगों ने कहीं यह बात
इस अवसर पर उनके पहुंचने पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तरायणी मेला एवं व्यापारिक मेला बागेश्वर में जोहारी भोटिया जनजाति के हस्तशिल्प, हथकरधा, कताई, बुनाई एवं अन्य जनपदों का वस्तु विनिमय स्थल बनखोला है। इसे जोहार सामाजिक एवं संस्कृति समति को हस्तांतरित नहीं करने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इससे पहले जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालय प्रदर्शन तक समिति कर चुकी है।
2006 से चल रहा इसके लिए आंदोलन
यह समिति भोटिया समुदाय के लिए दिन रात काम करती है। 2006 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने भोटिया पड़ाव बनखोला निर्मित बाजार तैयार किया। इसमें भोटिया समाज द्वारा तैयार उत्पाद की प्रदर्शनी लगाई जाती है। जोहारी समाज के लिए चीन, तिब्बत में व्यापार करते थे। इस समाज के लिए यहां की मंडी काशीपुर, हल्द्वानी एवं रामनगर मंडी से विभिन्न उत्पाद लेकर तिब्बत की ज्ञानिम मंडी में ले जाते थे। यहां से चीन तिब्बत के उत्पाद को भारत लाते थे। इन सामग्री को ले जाने और लाने के लिए जगह-जगह भोटिया पड़ाव थे। उन्हीं में से एक प्रमुख पड़ाव बागेश्वर भी है।
यह लोग रहें मौजूद
इस मौके पर गंगा सिंह पांगती, पूजा जंगपांगी, लक्ष्मी धर्मशक्तू, हेमंत मर्तोलिया, राधा रावत, मालती जोहारी आदि मौजूद रहे।