उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के देहरादून में पिछले 13 दिनों से लगातार चल रहे धाद के हरेला माह कार्यक्रम के रविवार अध्याय मे धाद स्मृति वन, मालदेवता के प्रवेश मार्ग मे जन भागीदारी से पौधारोपण किया गया।
प्रकृति के संतुलन संवर्धन के लिए ऐसे कार्यक्रम की बेहद जरूरत
पौधरोपण का प्रारम्भ धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी द्वारा रचित हरेला गीत के साथ किया गया। जिसमे धरती की हरियाली और खुशहाली के लिए आम जान का आह्वान किया गया। इस अवसर पर मौजूद कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अनूप डोभाल ने नीलमोहर का पौधा लगाकर पौधारोपण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस तरह का पौधारोपण कार्यक्रम ना केवल आज के लिए बल्कि भविष्य मे प्रकृति का संतुलन बनाए जाने के लिए भी आवश्यक है। प्रकृति के संतुलन संवर्धन के लिए ऐसे कार्यक्रम लगातार किए जाने की जरूरत है।
हरेला एक पारम्परिक और सांस्कृतिक पर्व से बढ़कर पर्यावरण का पर्व बन गया है
धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि अब हरेला एक पारम्परिक और सांस्कृतिक पर्व से बढ़कर पर्यावरण का पर्व बन चुका है। धाद इस अलख को निरंतर जला रही है क्योंकि यह एक तरह की चेतना है जो पृथ्वी और मानवता के प्रति आपकी जागरूकता दिखती है। पौधारोपण करते हुए सभी ने हरेला गीत “पेड़ लगा खुशहाली ला, बारिश ला हरियाली ला” भी गाया। इस अवसर पर धाद के वरिष्ठ साथी और गढ़वाली कवि महेन्द्र ध्यानी ने कहा की संस्था ये आयोजन पिछले चौदह वर्षो से कर रही है पर आज हरेला का यह व्यापक रूप देखकर प्रसन्नता होती है। आज पौधारोपण तस्वीरों और संख्या से बढ़कर जमीन और संरक्षण तक पहुंच गया है। यही सही मायने मे हरेला है।
रहें मौजूद
इस अवसर पर विशाल शर्मा, तृप्ति शर्मा, रियान शर्मा, नीना रावत,धीरेन्द्र खंण्डूरी, इंदु भूषण सकलानी,सुरेश कुकरेती, सुशीला गुसाई, आशा डोभाल आदि द्वारा नीलमोहर, अमलताश और बॉटल ब्रश के पौधे रोपे गये। साथ ही कार्यक्रम में डी. सी. नौटियाल, तन्मय मम गाई, किशन सिंह, मीनाक्षी शर्मा, गणेश उनियाल, सुनील भट्ट, बृज मोहन उनियाल, साकेत रावत, सुशील पुरोहित, नीना रावत, बीरेन्द्र खण्डूरी, शुभम शर्मा आदि शामिल रहें।