प्रकृति की अनेक सुंदरता को संजोए हुए हैं, उत्तराखंड में स्थित बेनीताल बुग़्याल। जनपद चमोली के गैरसैंण ब्लाक के आदिबदरी क्षेत्र में स्थित बेनीताल प्रकृति की नेमतों का खजाना समेटे हुए है। बुग्याली क्षेत्र और ढलवां हरी-भरी पहाड़ी यहां लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लाती है। बेनी पर्वत पर स्थित प्रकृति की इस सुंदर सौगात वाले ढलवा क्षेत्र में प्राकृतिक झील पर्यटकों का बरबस मन मोह लेती है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदररता के लिए हीं नहीं वरन, राज्य निर्माण और गैरसैंण राजधानी की मांग के लिए आंदोलनों का प्रमुख स्थल भी रहा है। जिस पर अब निजी संपत्ति का बोर्ड लग गया है। बेनीताल वही स्थल है जहां बाबा मोहन उत्तराखंडी ने गैरसैंण राजधानी के लिए दो जुलाई से आठ अगस्त 2004 तक 37 दिन का आमरण अनशन किया था।
उत्तराखंड में भू- कानून का मुद्दा भी पकड़ रहा जोर-
इन दिनों उत्तराखंड राज्य में भू-कानून और चकबंदी के मुद्दे एक बार फिर जोर पकड़ने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी ये मुद्दा गर्माया हुआ है। वही अब गैरसैण के पास स्थित बेनीताल बुग्याल पर निजी संपत्ति का बोर्ड लग गया है।
जिला प्रशासन के पास भूमि कब्जे की नहीं कोई शिकायत-
वही इस मामले में चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया का कहना है कि अभी तक कोई भी जिला प्रशासन के पास भूमि कब्जे की शिकायत लेकर नहीं आया है यदि सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है तो इस पर कानूनी करवाई की जाएगी।
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