उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में बद्री गायों के दूध उत्पादन व नस्ल बढ़ाने को लेकर अध्ययन होगा।
खुलेंगे 45 मिल्क रिकार्डिंग सेंटर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए चार पर्वतीय जिलों को चिह्नित किया है। जिसमे नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ जिले की 3240 बद्री गायों के दूध उत्पादन व नस्ल बढ़ाने को लेकर वैज्ञानिक शोध करेंगे। 45 मिल्क रिकार्डिंग सेंटर खोले जाएंगे। यह मिल्क रिकार्डिंग कार्यक्रम दो साल तक चलेगा। इसमें चंपावत के 24 गांवों में 12 सेंटर स्थापित कर 820 गायों व अल्मोड़ा जिले के 24 गांवों में 12 मिल्क रिकार्डिंग सेंटर स्थापित होंगे। जिसमें उत्तराखंड की कामधेनु कही जाने वाली 3240 बद्री गायों की जियो टैगिंग होगी, जिसका डाटा सीधे भारत सरकार को भेजा जाएगा। साथ ही चारों जिलों के 90 गांवों में तीन हजार बद्री गायों के गर्भवती होने के बाद उनके दूध का प्रतिदिन वजन नापा जाएगा। वैज्ञानिकों की टीम बद्री गाय का दूध बढ़ाने व नस्ल सुधार के लिए अध्ययन करेगी।
उत्तराखंड में पहली बार यह पहल शुरू
इसके लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन व राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के सहयोग से उत्तराखंड में पहली बार यह पहल हो रही है।