उत्तराखंड: विधि – विधान के साथ बंद हुए यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट

आज भैयादूज के अवसर पर श्री यमुनोत्री धाम के कपाट तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में विधि-विधान द्वारा बंद कर दिए गए हैं। कपाटबंद होने के बाद मां यमुना के जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली हेतु प्रस्थान किया।

सभी को शुभकामनाएं दी

राज्यपाल श्री ले० गुरमित सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम की यात्रा समापन पर सभी को शुभकामनाएं दी है। प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज भैया दूज के शुभ अवसर पर समाधि पूजा-प्रक्रिया के पश्चात विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए।

समाधि रूप में विराजमान किया

प्रात: 6 बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ जी का आह्वान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिव लिंग को विभूति तथा शुष्क फूलों से ढक कर समाधि रूप में विराजमान किया। सुबह 8 बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। कपाट बंद होने के बाद श्री केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड बाजों की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ हेतु प्रस्थान किया।