उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने साल 2000 से अब तक की गई तदर्थ नियुक्तियों और भर्तियों के लिए सरकार से मांगा जवाब

उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में तदर्थ (ad hoc) भर्तियों के लिए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में साल 2000 से अब तक की गई सभी एड हॉक भर्तियों का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।

एक मई 2023 को जवाब मांगा

चीफ जस्टिस की बेंच ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार और विधानसभा से एक मई 2023 को जवाब मांगा है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साल 2000 से अब तक की गई तदर्थ नियुक्तियों और भर्ती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधानसभा सचिवालय में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।

देहरादून के अभिनव थापर ने राज्य विधानसभा में एक जनहित याचिका दायर की

मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने विधानसभा सचिवालय और सरकार को नोटिस जारी कर एक मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 1 मई 2023 को होगी। पिछले 22 वर्षों में की गई तदर्थ भर्तियों की न्यायिक जांच को लेकर देहरादून निवासी अभिनव थापर ने राज्य विधानसभा में एक जनहित याचिका दायर की थी। उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सितंबर में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया था।