April 25, 2024

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उत्तराखंड: कुमाऊं मंडल की पर्यावरण योजना के बाद गढ़वाल मंडल की कार्यशाला आज से हुई शुरू

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर उत्तराखंड के सभी जिलों की पर्यावरणीय योजना बनाई जा रही है इस संबंध में  दिनांक 12 सितंबर सोमवार को पौड़ी गढ़वाल के जिला सभागार कार्यालय में डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे की अध्यक्षता  में एक दिन की कार्यशाला संपन्न हुई  । इसमें जिले के सीडीओ अपर्णा पांडे एवं डीएफओ मुकेश कुमार और एडीएम ईला गिरी एवं जिले के विभिन्न विभागों जैसे नगर निगम, नगर पालिका परिषद ,नगर पंचायत ,और एआरटीओ, खनिज विभाग ,जल निगम एवं जल संस्थान, और भी विभागों  के अधिकारी भी मौजूद थे।

आज से शुरू हुई गढ़वाल मंडल की कार्यशाला

कार्यशाला में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ जे सी कुनियाल ने बताया कि एनजीटी के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों की पर्यावरण योजना को ड्राफ्ट के रूप में संपूर्ण कर लिया गया है। ड्राफ्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए कुमाऊं मंडल के सभी 6 जिलों में इससे संबंधित कार्यशाला भी संपूर्ण हो चुकी है । आज से शुरू हुई गढ़वाल मंडल की कार्यशाला मे पौड़ी गढ़वाल की पर्यावरण योजना को लेकर जिले में ठोस, प्लास्टिक , बायो मेडिकल एवं अन्य वेस्ट का प्रबंधन भविष्य में वैज्ञानिक तरीके से कैसे किया जाए इन विषयों पर चर्चा हुई ।

नगर निगम कोटद्वार में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी विस्तार किया जाना है

जिले की पर्यावरणीय योजना को लेकर जिलाधिकारी  ने बताया कि अभी पौड़ी गढ़वाल जिले में एक नई नगर पंचायत थलीसैंण का भी गठन हो चुका है। और साथ ही साथ उन्होंने जिले में हो रहे प्लास्टिक वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से रीसाइक्लिंग करने के लिए भविष्य में उनका ऑथराइज रीसाइकिल एजेंसी के साथ अनुबंध किया जाएगा और नगर निगम कोटद्वार में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी विस्तार किया जाना है और जिले में वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति जानने के लिए एयर मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने पर भी चर्चा हुई है। और उन्होंने यह भी बताया कि जिले में जंगलों की आग से बचने के लिए उन्होंने अपने जिले में 4 चीड़ इलेक्ट्रिसिटी प्लांट लगाए जाने प्रस्तावित है जिनमें से एक वर्तमान में लग चुका है । वैज्ञानिक डॉ जे सी कुनियाल जी ने बताया कि गीले कचरे का माइक्रोबियल कंपोस्टिंग के माध्यम से हम कैसे खाद बना सकते हैं उसके बारे में भी उन्होंने विस्तृत रूप से जानकारी दी। जल्द ही चर्चा किए गए बिंदुओं को  पौड़ी गढ़वाल की जिला पर्यावरण योजना में  सम्मिलित करने के बाद जिले की पर्यावरण योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

कोटद्वार और श्रीनगर में बढ़ते हुए शहरीकरण के साथ-साथ भविष्य में वेस्ट की भी मात्रा में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी

जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल ने भी वर्चुअली यह संदेश दिया कि पौड़ी गढ़वाल जिले में मुख्य रूप से कोटद्वार और श्रीनगर में बढ़ते हुए शहरीकरण के साथ-साथ भविष्य में वेस्ट की भी मात्रा में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी उसके लिए जिले को अभी से एक भविष्य का प्लान को साथ में लेकर चलना होगा जिससे भविष्य में जिले का पर्यावरण संतुलन बना रहे इसके लिए यह पौड़ी गढ़वाल जिले की पर्यावरणीय योजना बहुत महत्वपूर्ण होगी ।