आज 08 अप्रैल 2024 है। आज सोमवती अमावस्या है। सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। हालांकि, यह भारत में अदृश्य रहेगा।
अमावस्या तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 8 अप्रैल को प्रातः 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि आज रात 11 बजकर 50 मिनट तक मान्य होगी। वहीं रात 9 बजकर 12 मिनट पर सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा, जो 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. ऐसे में सोमवती अमावस्या ग्रहों के दुर्लभ संयोग बन रहे हैं।
बन रहा यह शुभ संयोग
8 अप्रैल के बाद सोमवती अमावस्या का अगला संयोग 2 सितंबर को बनेगा। ये भाद्रपद महीने की अमावस्या होगी। मन्वादि तिथि होने के कारण इस दिन स्नान-दान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा। उसके बाद साल का आखिरी संयोग 30 दिसंबर को बनेगा। ये पौष महीने की अमावस्या रहेगी।
गंगा स्नान का काफी महत्व
इस दिन गंगा स्नान का अधिक महत्व माना गया है। इसलिए गंगा स्नान जरूर करें । आप घर पर भी पानी में थोड़ा गंगा जल डालकर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें इस दिन आप सूर्यदेव को अर्घ्य भी जरूर दें। सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिनें पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शंकर की विधिवत पूजा की जाती है, मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत होता है । इस दिन महिलाओं को कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए । माता पार्वती को सुहाग पिटारी चढ़ानी चाहिए ऐसा करने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है । इसके अलावा पति की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है । साथ ही सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है । इस दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए और मोक्ष की कामना करनी चाहिए । पूजा-पाठ के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र दान करना चाहिए।