राष्‍ट्रीय अक्षय ऊर्जा दिवस : भारत ने दुनिया में सबसे बड़ा लक्ष्‍य रखा

20 अगस्त को देश में राष्‍ट्रीय अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है। भारत में करीब 7516.6 किलोमीटर लंबा समुद्री तट है, जिसमें ईस्‍टर्न और वेस्‍टर्न घाट में समुद्र तटों से लगे पठार व पहाड़‍ियां पवन ऊर्जा के लिए बेहद अनुकुल है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक नदियों पर बने हाइड्रो पावर प्लांट वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं गुजरात, मध्‍य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान से लेकर लद्दाख तक कई राज्यों में पड़ने वाली सूरज की रौशनी सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए बेहद अनुकूल है। आपको बता दें कि लद्दाख में दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र बनने जा रहा है। 

भारत में अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता 3 हजार गुना बढ़ चुकी है

2010 में भारत में अक्षय ऊर्जा से मात्र 11 मेगावॉट बिजली उत्पादन होता था। आज यानी दस साल बाद भारत में अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता 3 हजार गुना बढ़ चुकी है। आज भारत में अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता 86.75 गीगावॉट बिजली उत्पादन करने की है। भारत में कुल बिजली उत्पादन का 23.39 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा के स्रोतों से आता है। फरवरी 2020 की रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 368.98 गीगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।

कुछ महत्वपूर्ण 10 तथ्य

* भारत में अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की कुल क्षमता 86.75 गीगावॉट है। इसके साथ अक्षय ऊर्जा के मामले में पूरे विश्‍व में भारत 5वें स्थान पर है। 

* भारत का लक्ष्‍य 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को बढ़ा कर 176 गीगावॉट तक करने का है, जिसमें 100 गीगावॉट का योगदान सौर ऊर्जा का होगा। इस क्षेत्र में यह लक्ष्‍य दुनिया में सबसे बड़ा लक्ष्‍य है। अक्षय ऊर्जा की दिशा में इतना बड़ा लक्ष्‍य किसी भी देश ने अबतक नहीं रखा है। इस लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए करीब 43 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

* पिछले पांच वर्षों में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में 226 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2.6 मेगावॉट से बढ़ 34 मेगावॉट हो गया है।  

* पिछले 5.5 वर्षों में सौर ऊर्जा से होने वाला बिजली उत्पादन 2.6 गीगावॉट से बढ़ कर 34 गीगावॉट हो गया है।

* 2019 में भारत में रिन्‍युएबल एनर्जी क्षमता में 13 गीगावॉट का इजाफा हुआ और इसके साथ विश्‍व में तीसरे स्‍थान पर आ गया। इसमें सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा संयंत्र शामिल हैं। 

* अगर हाइड्रोपावर, सोलर पावर और विंड पावर तीनों को साथ में देखें तो रिन्‍यूएबल एनर्जी में भारत चौथे स्‍थान पर है।

*  2010 में जहां देश के 68 प्रतिशत लोगों तक बिजली पहुंच रही थी, वहीं 2019 में यह बढ़कर 95 प्रतिशत हो गई।

* रिन्‍यूएबल एनर्जी सेक्‍टर की कंपनियों ने करीब 1 लाख लोगों को रोजगार दिया।

* वर्ष 2030 तक भारत में कुल बिजली की 40 प्रतिशत मांग अक्षय ऊर्जा से पूरी होगी, यह लक्ष्‍य भारत सरकार ने रखा है।


* राजस्थान के भदला में सौर ऊर्जा संयंत्र से मात्र 2.44 प्रति यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। सोलर पार्क के जरिए बिजली उत्पादन को 20 गीगावॉट से बढ़ा कर 40 गीगावॉट कर द‍िया गया है।