अल्मोड़ा के विकास भवन सभागार में जिला प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में जिला योजना की बैठक हुई। डीएम वंदना ने पुष्पगुच्छ भेंट कर जिला प्रभारी मंत्री का स्वागत किया। प्रभारी मंत्री ने विभागों को निर्देश दिए कि जितने भी प्रस्ताव उन्हें मिलें, सभी को डीपीसी के समक्ष रखें। अनुमोदन के बाद ही प्रस्ताव फाइनल कराएं।
जनपद के विकास पर खर्च होगी यह धनराशि-
जिसमें कहा कि जिला योजना से होने वाले समस्त कार्यों को जिला समिति से अनुमोदित कराना अनिवार्य होगा। प्रभारी मंत्री ने डीपीसी के सदस्यों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों के प्रस्ताव डीएम को भेजें। डीपीसी अंतिम फैसला डीपीसी करेगी। सांसद अजय टम्टा ने भी सभी विभागों से कहा कि अनुमोदित धनराशि को जनपद के विकास पर ही खर्च किया जाए। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष उमा बिष्ट ने सभी विभागों को आपसी समन्वय और जनप्रतिनिधियों से तालमेल रखकर कार्यों को करने के निर्देश दिए।
जानें-
अल्मोड़ा में जिला योजना का 54.85 करोड़ का विभागीय परिव्यय फाइनल हो गया है। हालांकि डीपीसी सदस्यों के प्रस्तावों के आधार पर क्षेत्रवार बजट कुछ दिन के बाद तय किया जाएगा। बैठक में डीपीसी सदस्यों ने प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया। उन्होंने कहा कि यदि अफसर खुद ही जिला योजना तय कर रहे हैं तो डीपीसी गठन का क्या औचित्य रहा।
यह लोग रहे मौजूद-
बैठक में जागेश्वर विधायक मोहन सिंह मेहरा, रानीखेत विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, सल्ट विधायक महेश जीना, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, जिला पंचायत सदस्य महेश नयाल, नंदन सिंह नेगी समेत तमाम जन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इन प्रमुख विभागीय परिव्यय का अनुमोदन
विभाग प्रस्तावित परिव्यय (लाख में)
जल संस्थान 1190
लोनिवि 1050
पूल्ड आवास 100
माध्यमिक शिक्षा 400
पीआरडी 400
पेयजल निगम 400
चिकित्सा-स्वास्थ्य 200
पर्यटन 200
राजकीय सिंचाई नहर 197
लघुडाल 85
पशुपालन 180
सामुदायिक विकास 150
कृषि 135
उद्यान 122