संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम को विश्व के दस पुनर्जीवित प्राकृतिक कार्यक्रमों में शामिल किया है राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक अशोक कुमार ने कल कनाडा में मॉन्ट्रियल में इस सम्बन्ध में प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।
नमामि गंगे कार्यक्रम अब संयुक्त राष्ट्र का समर्थन, वित्त पोषण या तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने का पात्र हो जायेगा
जल शक्ति मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि नमामि गंगे को दुनिया के 70 देशों की ऐसी 150 से अधिक पहलों में से चुना गया। मंत्रालय ने कहा है कि नमामि गंगे कार्यक्रम अब संयुक्त राष्ट्र का समर्थन, वित्त पोषण या तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने का पात्र हो जायेगा।
भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा नदी के इकोसिस्टम की बहाली के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों का प्रमाण
नमामि गंगे के महानिदेशक,नमामि गंगे के महानिदेशक, जी. अशोक कुमार ने कहा कि “नमामि गंगे को दुनिया की 10 शीर्ष ईकोसिस्टम बहाली पहलों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त होना भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा नदी के इकोसिस्टम की बहाली के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों का प्रमाण है। मुझे उम्मीद है कि हमारे प्रयास दुनिया भर में इसी तरह के अन्य उपायों के लिए भी रोडमैप उपलब्ध कराते रहेंगे।“उन्होंने इस अवसर पर मॉन्ट्रियल (कनाडा) में यूएन डिकेड ऑन इकोसिस्टम रिस्टोरेशन यूथ टास्क फोर्स द्वारा आयोजित एक सत्र में भी भाग लिया। भारत के 1.35 बिलियन लोगों एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आभार व्यक्त करते हुए महानिदेशक कुमार ने विश्व बहाली फोरम, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और खाद्य और कृषि संगठन को नमामि गंगे का शीर्ष 10 बहाली कार्यक्रम में चयन करके भारत को सम्मान प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि “यह हमारे लिए एक बहुत ही अच्छा अवसर है, क्योंकि भारत ने जी-20 समूह के राष्ट्रों की अध्यक्षता ग्रहण की है। अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करते समय हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वसुधैव कुटुम्बकम की सच्ची भावना में पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता द्वारा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को मजबूत किया है।“
गंगा आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण
उन्होंने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम वर्ष 2014 में शुरू किया गया था, जब श्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा नदी के कायाकल्प की आवश्यकता को पहचानने और नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 5 बिलियन डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता के बाद प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था। “गंगा भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत की 40 प्रतिशत आबादी, वनस्पतियों और जीवों की 2500 प्रजातियों और 8.61 बिलियन वर्ग किमी बेसिन का घर है। यह बेसिन 520 मिलियन से अधिक लोगों का घर भी है। गंगा आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “यह हमारी परंपरा और सभ्यता से निकटता से जुड़ी हुई है और भारत के लोगों की आस्था, भावनाओं और सामूहिक चेतना की प्रतीक है।”