जो गलत थे, उनका सच खुलेगा एकदिन!
सच्चाई पर चलने वालों के सुर नहीं बदला करते।
©अनकही स्मृतियां
एक-न-एक दिन हम सब कुछ दिखा ही देंगे।
जिनमें कमियां होगी वो खुद सिर झुका ही लेंगे।
©अनकही स्मृतियां
जो वास्तविक हैं वो खुलकर दिखाई देते हैं
और जो अवास्तविक हैं वो चेहरे बदलते हैं।।
©अनकही स्मृतियां
उनकी खामोशी में छुपे हैं
कालिख के बहुत निशान।
उनकी हर बात पर मुझको,
अब भरोसा नहीं होता।।
©अनकही स्मृतियां
बदलाव
जिंदगी में बदलाव होने बहुत जरूरी हैं।
कभी-कभी ये जीवन के लिए अच्छे होते हैं।।
©अनकही स्मृतियां