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अल्मोड़ा: विजयपुर पाटिया गांव में कई वर्षों से चली आ रही परंपरा बग्वाली खेली जाती है। पत्थरों के इस बग्वाल में दो-दो गांव के बग्वालीवीर एक दल में शामिल होकर दूसरे दल पर जमकर पत्थर बरसाते हैं। जो भी दल का सदस्य सबसे पहले नदी में उतर का पानी पी लेता है। उस दल को विजय घोषित किया जाता है।
10 लोग हुए चोटिल
इस बार हवालबाग और ताकुला ब्लॉक के अंतिम सीमा पर स्थित विजयपुर पाटिया गांव में दिवाली पर चार गांवों की एकता का प्रतीक बग्वाल युद्ध 27 मिनट तक चला । 80 बग्वालों में इस बग्वाल में हिस्सा लिया । जिसमें 10 लोग चोटिल हुए ।
एक दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाते रहे
पत्थरों से बचकर बग्वालीवीरों को विजय होने के लिये नदी में जाकर पानी ग्रहण करना पड़ता है। इस बार 27 मिनट तक दोनों ओर से बग्वालीवीरों को पानी पीने से रोकने के लिये एक दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाते रहे। लेकिन कसून और कोटयूडा के बग्वालीवीर पत्थरों की परवाह किये बगैर नदी तक पहुंच गये। उन्होंने सबसे पहले पानी ग्रहण कर लिया।
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