प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत की सफलता अब पुराने मापदंडों पर आधारित नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी सेना को आत्मनिर्भर बना रहा है। आज केदारनाथ में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने और कुछ अन्य को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद श्री मोदी ने कहा कि भारतीय दर्शन में मानव कल्याण प्रमुख है।
इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत की महान आध्यात्मिक ऋषि परंपरा का स्मरण करते हुए केदारनाथ धाम आने पर अति प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने रामचरितमानस की एक चौपाई ‘अबिगत अखथ, नेति-नेति नित कह’ का उल्लेख किया। जिसका अर्थ है- कुछ अनुभव इतने अलौकिक और इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ की शरण में उन्हें ऐसी ही अनुभूति हो रही है।
तीर्थयात्रा के दिव्य अनुभव देंगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आश्रय सुविधा केंद्र जैसी नई सुविधाएं पुजारियों और भक्तों के जीवन को आसान बनाएंगी और उन्हें तीर्थयात्रा के दिव्य अनुभव देंगी। वर्ष 2013 में आई केदारनाथ बाढ़ को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बाढ़ से हुई क्षति अकल्पनीय थी। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं, पुजारियों, पुजारियों के रावल परिवारों, अधिकारियों और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को केदारनाथ धाम में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे ड्रोन और अन्य तकनीकों के माध्यम से काम की प्रगति की निगरानी करते रहे। उन्होंने कहा कि इस प्राचीन भूमि पर सनातन के साथ आधुनिकता का यह संयोजन और ये विकास कार्य भगवान शंकर की प्राकृतिक कृपा का परिणाम हैं।
आचार्य शंकर का जीवन अत्यंत असाधारण था
आदि शंकराचार्य का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आचार्य शंकर का जीवन अत्यंत असाधारण था, क्योंकि वह आम आदमी के कल्याण के लिए समर्पित था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के योगदान का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भारत के गौरवशाली स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित स्थानों और तीर्थ स्थलों की यात्रा करने तथा भारत की असली भावना से परिचित होने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ धाम यात्रा और श्री आदि शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण के अवसर पर मध्यप्रदेश में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और खंडवा के ओंकारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। ये दोनों मंदिर, भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में शामिल हैं।
अगले दस वर्षों में उत्तराखंड में इतने पर्यटक आएंगे, जितने पिछले सौ वर्षों में नहीं आए।
श्री मोदी ने बताया कि चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और भविष्य में श्रद्धालु केबल कार से केदारनाथ जा सकेंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि हेमकुंड साहिब में भी दर्शन के लिए रोपवे बनाने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों में उत्तराखंड में इतने पर्यटक आएंगे, जितने पिछले सौ वर्षों में नहीं आए। प्रधानमंत्री ने कोविड की पहली खुराक के शतप्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तराखंड की सराहना की।
हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि केदारनाथ में पूरी हो चुकी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सरस्वती नदी के किनारे दीवार, आस्थापथ और घाटों का निर्माण, मंदाकिनी नदी के किनारे दीवार, आस्थापथ, तीर्थ पुरोहितों के निवास तथा गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर एक अरब तीस करोड़ रुपये की लागत आई। उन्होंने एक अरब 80 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिनमें संगम घाट का पुनर्विकास, प्राथमिक चिकित्सा और पर्यटक सुविधा केंद्र, प्रशासनिक कार्यालय और अस्पताल, दो अतिथि गृह, पुलिस थाना, कमांड और नियंत्रण केंद्र, मंदाकिनी आस्थापथ कतार प्रबंधन सहित कई परियोजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। इस अवसर पर देशभर में 12 ज्योतिर्लिंगों और चारों धामों पर भी पूजा-अर्चना की गई। ये सभी कार्यक्रम केदारनाथ धाम के मुख्य कार्यक्रम से जुड़े थे।