अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा में न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा रवि अरोड़ा की अदालत ने चेक बाउंस मामले में सजा सुनाई है।
जानें पूरा मामला
अभियोगी द्वारा अभियुक्त रमेश सिंह नगरकोटी के विरुद्ध एक दावा प्रेषित किया था, कि अभियोगी चंदन सिंह सांगा के अभियुक्त रमेश सिह नगरकोटी से व्यवसायिक सम्बन्ध थे। इसके चलते अभियुक्त द्वारा परिवादी से वाणिज्यिक प्रतिष्ठान/दुकान से अप्रैल, मई माह 2023 को राशन इत्यादि का रू0 51,150/- का सामान उधार लिया गया। चार माह बीत जाने के बाद परिवादी द्वारा अभियुक्त से उक्त उधार लिये गये सामान की धनराशि मांगी गयी तो अभियुक्त द्वारा दिनांक 10.09.2023 को अपने बैंक अल्मोडा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक शाखा अल्मोडा के खाता सं० 039100100003863 का चैक सं0 073112 रू0 25,000/- व चैक सं० 073113 रू0 26,150/- के दो चैक परिवादी को दिए। परिवादी द्वारा उक्त चैकों को दिनांक 11.09.2023 को अपने उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक शाखा धारानौला खाता सं० 4444697479 में जमा किया, जिस पर उक्त दोनों चैक खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण दिनांक 13.09.2023 को अनादरित हो गए। परिवादी द्वारा एक विधिक नोटिस दिनांक 29. 09.2023 को अभियुक्त के पते पर भेजा गया, जो अभियुक्त को दि० 04.10.2023 को प्राप्त हो गया था, किन्तु इसके बावजूद भी अभियुक्त द्वारा परिवादी को चैक की धनराशि अदा नहीं की गई। जिसके बाद परिवादी द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा रवि अरोड़ा की अदालत में मुकदमा किया था। परिवादी चंदन सिंह सांगा की ओर से विद्वान अधिवक्ता भगवती प्रसाद पंत व आर. पी. भटृ द्वारा पैरवी की गई।
अदालत का आदेश
अभियुक्त रमेश सिंह नगरकोटी पुत्र किशन सिंह नगरकोटी निवासी कृष्णा स्वीट्स धारानौला, अल्मोड़ा पोस्ट, तहसील व जिला अल्मोड़ा को धारा-138 परकाम्य लिखत अधिनियम, 1881 के अपराध में दोषसिद्ध किया जाता है। (ii) दोषसिद्ध को धारा 138 परकाम्य लिखत अधिनियम, 1881 के अपराध के अन्तर्गत तीन माह के साधारण कारावास की सजा एवं मुबलिक रु. 65,000/- (पैंसठ हजार रूपये) मात्र के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा। अधिरोपित अर्थदण्ड में से धनराशि मुबलिक रू. 60,000/- (साठ हजार रूपये) परिवादी को प्रतिकर के रूप में अदा किये जायेंगे तथा शेष धनराशि मुबलिक रू.5,000/- (पांच हजार रूपये) अर्थदण्ड के रूप में राजकीय कोष में जमा किये जायेंगे।