अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में आठ दिवसीय हरेला महोत्सव का हुआ समापन

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के दृश्यकला संकाय में  आठ दिवसीय हरेला महोत्सव का समापन समारोह आयोजित हुआ।  सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी के संरक्षकत्व में पर्यावरण संरक्षण हेतु जनसमाज में जनजागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से हरेला महोत्सव मनाया गया। इसी क्रम में इस 8 दिवसीय हरेला महोत्सव का समापन  दृश्यकला संकाय में किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में  परिसर अध्यक्ष प्रो. नीरज तिवारी, हरेला महोत्सव के संयोजक एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रूप में प्रो. जगत सिंह बिष्ट, कार्यक्रम के अध्यक्ष रूप में दृश्यकला संकाय की संकायाध्यक्ष और अध्यक्ष चित्रकला विभाग की प्रो. सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ , कार्यक्रम के संयोजक रूप में डॉ. नवीन भट्ट, कार्यक्रम संचालक डॉ. ललित जोशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर समापन समारोह का उद्घाटन किया।

हरेला पर्वताञ्चल का प्रमुख पर्व  है

इस अवसर पर हरेला महोत्सव के  विशिष्ट अतिथि और हरेला महोत्सव के संयोजक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि हमारा लोकपर्व हरेला इस पर्वताञ्चल का प्रमुख पर्व  है। जिसमें पर्यावरण के प्रति अगाध प्रेम सन्निहित है। उन्होंने लोक को एक वृक्ष के समान माना और कहा कि हमें लोक की तरफ उन्मुख होना चाहिए। हमें अपनी जड़ों से जुड़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि माननीय कुलपति प्रो भंडारी जी की हरेला महोत्सव की संकल्पना हमारे लिए लाभदायी सिद्ध हुई है।  लोक को जानने के लिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण साबित है।

पर्यावरण के संरक्षण के लिए यह हरेला महोत्सव बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है

अध्यक्षता करते हुए प्रो. सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ (संकायाध्यक्ष,दृश्यकला एवं विभागाध्यक्ष,चित्रकला विभाग) ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के अतिथियों का स्वागत किया और  संबोधित करते हुए कहा कि लोकपर्व हरेला हमारे रगों में शामिल है। इसमें लोककला के दर्शन होते हैं।  लोक में इन पर्वों की आज भी प्रासंगिकता बनी हुई है।  पर्यावरण हमारे लोक संस्कृति का अंग है। भारतीय संस्कृति के इन पर्वों में हमें प्रकृति देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए यह हरेला महोत्सव बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है और हमें पर्यावरण के प्रति चेतना विकसित करनी होगी। उन्होंने कुलपति प्रो भंडारी जी का धन्यवाद व्यक्त किया।

पर्यावरण के संरक्षण के लिए आगे आने की जरूरत है

कार्यक्रम के संयोजक योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट ने कहा कि मानव को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराने के लिए हरेला महोत्सव कार्यक्रम को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी सर द्वारा संचालित किया गया है। यह हम सभी को अपने दायित्वों का बोध करा रहा है। आज  पर्यावरण में निरंतर गिरावट हो रही है। अब हमें इस पर्यावरण के संरक्षण के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भंडारी जी का यह सार्थक प्रयास  है, जिसकी समाज में प्रशंसा हो रही है। सभी का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हरेला महोत्सव जैसे अभियानों से आप और हम सभी जुडें। उन्होंने कहा कि हममें परमार्थ का भाव होना चाहिए।

हमारे विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण आदि विषयों को लेकर समाज को जागरूक किया जा रहा है

मुख्य अतिथि के रूप में परिसर निदेशक प्रो. नीरज तिवारी ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हरेला महोत्सव सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम है। इससे हम सभी में पर्यावरण के प्रति चेतना विकसित हो रही है। हमारे विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण आदि विषयों को लेकर समाज को जागरूक किया जा रहा है। भारतवर्ष में यह हमारा विश्वविद्यालय सबसे क्रियाशील विश्वविद्यालय बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र भंडारी के प्रयासों की सराहना की और उन्होंने सभी प्रतिभागियों, दृश्यकला संकाय के प्राध्यापकों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अपनी बधाइयाँ दी।।

सम्मानित किया

समारोह में अतिथियों ने पोस्टर/पेंटिंग प्रतियोगिता, भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता में अव्वल आये प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भेंट कर और मैडल पहनाकर सम्मानित किया।
पेंटिंग/पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर गरिमा आर्या, द्वितीय स्थान पर ऋतुराज सिंह, तृतीय स्थान पर महेंद्र आर्या और सांत्वना के लिए अमित कुमार, निहारिका, नेहा उपाध्याय को पुरस्कृत किया गया।  निबंध प्रतियोगिता में आँचल राज प्रथम, गौरव कांडपाल और ऐश्वर्या कोहली द्वितीय, आस्था रावत और नेहा नयाल तृतीय स्थान पर रही।
भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अभिषेक नेगी, द्वितीय दिव्या जोशी, तृतीय स्थान पर आँचल राज को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रान्तों के कलाकारों के चित्रों की त्रिदिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शनी को भी वर्चुअल रूप से दिखाया गया।  साथ ही हरेला महोत्सव के अवसर पर आयोजित पोस्टर एवं चित्रकला प्रतियोगिता के चित्रों को भी प्रदर्शित किया गया।
ज्ञातव्य है कि 8 दिवसीय हरेला महोत्सव में वृक्षारोपण कार्यक्रम, प्रो जगत सिंह बिष्ट के संयोजन में पर्यावरण एवं लोकपर्व हरेला पर्व विषय पर निबंध प्रतियोगिता, श्री अरविंद पांडे और डॉ मनमोहन कनवाल के संयोजन में मीत पीपल जनजागरूकता अभियान, प्रो सोनू द्विवेदी के संयोजन में पोस्टर/चित्रकला प्रतियोगिता एवं दो दिवसीय वेबिनार, डॉ ललित जोशी के संयोजन में पर्यावरण एवं हरेला पर्व विषय पर भाषण प्रतियोगिता, योग विभागाध्यक्ष डॉ नवीन भट्ट के संयोजन में लोकपर्व एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर गोष्ठी का आयोजन भी  हुआ था।

हरेला महोत्सव इस विश्वविद्यालय की विशेष पहचान बन गया है

कार्यक्रम में  चित्रकला विभाग के शिक्षक और चित्रकार डॉ.संजीव आर्या ने सभी अतिथियों का आभार जताते हुए  कहा कि हरेला महोत्सव इस विश्वविद्यालय की विशेष पहचान बन गया है। हमें अपने लोक और पर्यावरण से जुड़ना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालक  पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डॉ ललित चंद्र जोशी ने किया। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की

यह लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर अतिथि शिक्षक श्री कौशल कुमार, श्री चंदन आर्या, श्री रमेश चंद्र मौर्य, पूरन सिंह मेहता, जीवन चंद्र जोशी, दिनेश पटेल, श्री लल्लन सिंह, श्री गिरीश अधिकारी  सहित कई  शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मी और दृश्यकला संकाय के विद्यार्थी शामिल हुए।