March 29, 2024

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अल्मोड़ा: पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा दैवीय आपदा के मानकों में संशोधन कर व्यक्तिगत क्षति के लिए भी जनता को मुआवजा दे सरकार

उत्तराखंड में विगत सप्ताह आई आपदा के संबंध में अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि विगत सप्ताह हुई अतिवृष्टि/दैवीय आपदा से अल्मोड़ा विधानसभा के अर्न्तगत कई क्षेत्रों में लोगों के आवासीय घरों में भू धंसाव एवं भूस्खलन हुआ है। जहां एक ओर घरों के आगे आंगन धंस चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर घरों के पीछे दीवारों की साईड से धंसाव होने पर मकानों में दरारें आ गयी हैं। इसके साथ ही लोगों के खेतों की दीवारें गिर जाने से उन्हें अत्यधिक नुकसान हुआ है।उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिन्ता की बात यह है कि प्रशासन इनके दैवीय आपदा के मानकों में ना आने की बात कहकर अपना पल्ला झ़ाड रहा है।उन्होंने सरकार से मांग की है कि दैवीय आपदा के मानकों में सरकार संशोधन कर लोगों को ऐसे संकट के समय में राहत देने का काम करे।

आपदा मद यदि इस समय जनता के काम नहीं आयेगा तो इसका क्या फायदा- मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने कहा कि जनता को इस अतिवृष्टि में आंगन, दीवारों आदि में जो भी नुकसान हुआ है उन सभी का मुआवजा दिया जाए। आपको बता दें कि तिवारी लगातार विधानसभा का भ्रमण कर दैवीय आपदा से प्रभावित परिवारों को ढाढ़स बंधा रहे हैं। तिवारी ने कहा कि कई जगहों में लोगों के घरों के आगे पीछे भूस्खलन से भारी क्षति हुई है। उन्होनें कहा कि अनेकों आवासीय भवनों में काफी दरारें आ गयी हैं तथा घरों के आंगन धंस गये हैं। ऐसे सभी मकानों को दैवीय आपदा के मानकों में लेकर पूरा मुआवजा दिया जाए। आपदा मद यदि इस समय जनता के काम नहीं आयेगा एवं जनता को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा तो इसका फायदा ही क्या? उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल आपदा के नियमों में शिथिलता दे एवं जिन लोगों के मकानों में भारी दरारें पड़ी हैं,आंगन धंस गये हैं एवं घरों की दीवारें टूट गयी हैं उनका आंकलन कर जनता को उसका पूरा हर्ज़ाना उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि तत्काल में लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का भी इस्तेमाल करना चाहिए। तिवारी ने कहा कि इस संकट की घड़ी में पूरी विधानसभा की जनता के साथ वह मजबूती से खड़े हैं तथा जनता की समस्याओं के लिए वह लगातार संघर्षरत रहेंगें। इस आपदा में प्रदेश सरकार जनता को राहत देने में पूरी तरह असफल साबित हुई है।