March 29, 2024

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अल्मोड़ा: पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम बिट्टू कर्नाटक ने कहा एस.एस.जे परिसर अल्मोड़ा में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम में तत्काल प्रभाव से लगाई जाए रोक

पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. बिट्टू कर्नाटक ने आज राज्यपाल को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड़ा में प्रारंभ किए जा रहे सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम को तत्काल प्रभाव से रोकने के संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें उन्होंने सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम को केवल पैसा लूटने का माध्यम बताते हुए इसे रोकने की मांग की।

बी.एस.सी. में सेल्फ फाइनेंस को लागू कर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा

बिट्टू कर्नाटक ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल को अवगत कराया कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड़ा में बी.एस.सी. प्रथम सेमेस्टर में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। जो कि छात्र-छात्राओं से केवल पैसा लूटने का माध्यम मात्र है। इसके गम्भीर दुष्परिणामों को देखते हुए विगत वर्ष विद्या परिषद एवं कार्य परिषद की मांग के आधार पर कुलपति के आदेशों के तहत बी.एस.सी. में सेल्फ फाइनेंस को समाप्त कर दिया गया था। इस वर्ष पुनः बी.एस.सी. में सेल्फ फाइनेंस को लागू करके विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षा का व्यवसायीकरण करने का कार्य किया जा रहा है । जो पाठ्यक्रम नियमित मोड में परिसर में पूर्व से संचालित हो रहे हैं उन्हीं पाठ्यक्रमों कोे साथ-साथ स्ववित्त पोषित मोड( सेल्फ फाइनेंस) में चलाया जाना उत्तराखण्ड शासन के शासनादेशों के भी अनुरूप नहीं है। कर्नाटक ने ज्ञापन में आगे कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के निर्धन छात्र-छात्राओं को सस्ती एवं अच्छी शिक्षा प्रदान कराने के उद्देश्य से बने विश्वविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस के नाम पर विद्यार्थियों से पैसा लूटने के बजाय सरकार को अधिक संसाधन उपलब्ध कराकर नियमित पाठ्यक्रम में सीटों को बढा कर छात्रों के हित में फैसला लेना चाहिये।

सोची समझी रणनीति के अन्तर्गत न्यूनतम सीटें रखी गयी

बिट्टू कर्नाटक ने राज्यपाल को इस बात से भी अवगत कराया कि विगत वर्ष नियमित पाठ्यक्रम में बीएससी के अन्तर्गत कुल 393 छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया गया था जबकि इस वर्ष सोची समझी रणनीति के अन्तर्गत न्यूनतम सीटें रखी गयी और मात्र 232 छात्रों को ही प्रवेश दिया गया है, ताकि प्रवेश न मिलने से परेशान छात्रों को सेल्फ फाइनेंस में प्रवेश लेने हेतु मजबूर होना पड़े। जिससे स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सेल्फ फाइनेंस खोलने हेतु एक षडयन्त्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गत वर्षो में परिसर में संचालित बीएससी सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम के संचालन में कई धांधलियां हुई जिसकी शिकायत छात्रों द्वारा की गयी थी। इन धांधलियों के जांच के आदेश हुए थे किन्तु आज तक जांच के परिणाम सामने नहीं आए। विश्वविद्यालय परिसर में बीएससी सेल्फ फाइनेंस की पूर्व की लगभग साठ लाख रूपये की धनराशि परिसर के पास शेष बची हुई है जिसे आवश्यकतानुसार छात्र हित में लगाकर नियमित पाठ्यक्रम में सीटें बढ़ाई जानी चाहिए ताकि प्रवेश से वंचित छात्र/छात्रायें लाभान्वित हो सकें। बिट्टू कर्नाटक ने राज्यपाल से मांग की कि उक्त प्रकरण पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर छात्रहित में उचित निर्णय लिया जाए,नियमित पाठ्यक्रम में सीटें बढाई जाए तथा उच्च शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगायी जाए।