अल्मोड़ा: जन अधिकार मंच ने नगरपालिका द्वारा मुख्य बाजार के गेटों में शुल्क वृद्धि कर निजी हाथों में सौंपने को बताया हिटलर शासन

अल्मोड़ा में नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा द्वारा मुख्य पटाल बाजार क्षेत्र में प्रवेश के लिए बने दोनों गेटों में सुविधा शुल्क बढा़ दिया गया है। साथ ही यह निजी हाथों में सौंपने पर अल्मोड़ा जन अधिकार मंच ने इसकी तीव्र आलोचना की है।

नगर पालिका परिषद जनहित की कर रहा उपेक्षा-

जिस पर मंच के वरिष्ठ विधि विशेषज्ञ पूर्व दर्जा मंत्री एड. केवल सती ने कहा कि नगर पालिका परिषद जनहित की उपेक्षा कर रहा हैं। अति आवश्यक सेवा से दुग्ध संघ के ए टी एम वाहन को छूट नहीं देना पालिका की जनहित के प्रति उदासीन रवैया को प्रदर्शित करता हैं। जबकि दुग्थ वाहन आवश्यक सेवा की परिधि में आता हैं। पालिका को पूर्ववत व्यवस्था को यथाशीघ्र लागू करना चाहिए।

शुल्क बढ़ाना है गलत-

मंच के संयोजक त्रिलोचन जोशी ने कहा कि नगर पालिका परिषद के आदेश में आकस्मिक सेवाओं को छोड़कर, जिला एंव पुलिस प्रशासन के वाहनों को निशुल्क प्रवेश और वहीं मरीजों के वाहन पर शुल्क और अन्य वाहनों पर शुल्क लगाना दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता हैं। मुख्य बाजार क्षेत्र में अनेक वर्षों से निवासियों के भवन एंव व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। जो पालिका को गृहकर सहित अनेक प्रकार के लाइसेन्स शुल्क अदा करते हैं। उन पर ही पालिका द्वारा बिना विश्वास में लिये बगैर वाहन शुल्क लगाना गैरजिम्मेदारना व्यवहार हैं। आज के व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में स्थानीय व्यापारियों को आनलाइन व्यापार से कड़ी स्पर्धा करनी पड़ रही हैं। वहीं दो वर्ष से कोरोना के कारण स्थानीय व्यापारियों का व्यापार चौपट हो रहा हैं। पालिका द्वारा व्यापारियों के  हितों में मरहम लगाने के बजाय उन पर अतिरिक्त बोझ डालना न्यायसंगत नहीं हैं।

स्थानीय निवासियों के हितों के साथ न ह़ो खिलवाड़-

मंच के वरिष्ठ परामर्शदाता मनोज सनवाल ने कहा कि इसी माह कलेक्ट्रेट विकास भवन के समीप स्थानांतरित हो जायेगा, उसके बाद अल्मोड़ा में व्यापारिक गतिविधियों को नये सिरे से संचालित करने एंव व्यापारियों को उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए सुलभ संसाधन उपलब्ध कराना पालिका की नैतिक जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों के हितों के साथ अगर कुठाराघात किया गया तो मंच उसका जोरदार विरोध करेगा।

मंच आंदोलन को होगा बाध्य-

मंच नगर पालिका प्रशासन और बोर्ड से गेटों में शुल्कवृद्वि वापस लेने ऒर पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग करता हैं। अगर 12 सितम्बर तक पालिका अपने निर्णय को वापस नहीं लेती हैं। तो 13 सितम्बर से जन अधिकार मंच पालिका परिसर में धरना प्रदर्शन आन्दोलन को बाध्य होगा।