कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा बेहतर साबित हो रही है। अब विश्वविद्यालय ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में अल्मोड़ा में स्थापित सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा मैं प्रतिदिन ऑनलाइन माध्यम से शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षा के साथ साथ पत्रकारिता क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए मार्गदर्शन किया जा रहा है!
इन विषय पर हुई चर्चा
एस एस जे परिसर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में आज आर्थिक पत्रकारिता, अपराध पत्रकारिता, अनुसंधान पत्रकारिता, वाणिज्य पत्रकारिता आदि के बारे में विद्यार्थियों के साथ मंथन किया गया। इस चर्चा में जर्नलिज्म के विद्यार्थियों ने चर्चा की।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में ऑनलाइन कक्षाएं नियमित रूप से चल रही है
कोरोना काल के चलते हुए एस एस जे परिसर में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में ऑनलाइन कक्षाएं नियमित रूप से चल रही है। विभाग के प्रभारी डॉ ललित चंद्र जोशी ने सभी विद्यार्थियों को नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित रहने की बात कही। उन्होंने आर्थिक पत्रकारिता, अपराध पत्रकारिता, अनुसंधान पत्रकारिता, वाणिज्य पत्रकारिता के विभिन्न पक्षों पर चर्चा की और रिपोर्टिंग करने के गुर सिखाए। साथ ही डॉ जोशी ने विद्यार्थियों को पत्रकारिता के उद्देश्य, फ़ोटो पत्रकारिता, फोटो एडिटिंग, ग्लोबल पत्रकारिता आदि बिंदुओं पर चर्चा की।
हर टॉपिक पर विद्यार्थियों ने दी अपनी अपनी राय!
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की छात्रा रोशनी बिष्ट ने चर्चा में कहा कि फोटो पत्रकारिता में फोटो महत्वपूर्ण है। फ़ोटो अपने आप में भाषा है। सबसे प्रभावी चित्र वही माना जाता है जो बिना किसी भाषा के सहारे अपनी पूरी बात स्वयं कह सके!
वहीं छात्रा स्वाति तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता में घटनाओं को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए चित्रों का प्रयोग किया जाता है।
वही इन्वेस्टिगेट जर्नलिज्म में अपनी राय रखते हुए प्रियंका गस्याल का कहना है कि इन्वेस्टिगेट जर्नलिज्म मैं किसी चीज की खोज करके उसकी निष्कर्ष का तक पहुंचा जाता है। आज इस क्षेत्र में पत्रकारों की बहुत मांग है।
यह लोग रहे मौजूद
इसके अलावा शैली मंसूरी, दिव्या नैनवाल, ज्योति नैनवाल आदि ने फ़ोटो पत्रकारिता आदि पर अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किये। अन्य सभी छात्र कक्षा में उपस्थित रहे ।