April 26, 2024

Khabribox

Aawaj Aap Ki

अल्मोड़ा: अन्तर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित, पृथ्वी पर जीवन रक्षण हेतु वैश्विक सहयोग, इस वर्ष की थीम

अन्तर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो0 एन0एस0 भण्डारी के व्यापक व दूरगामी दृष्टिकोण के तहत् कम्प्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन व्याख्यान कक्ष संख्या 01 में किया गया।

”पृथ्वी पर जीवन रक्षण हेतु वैश्विक सहयोग“ इस वर्ष की थीम

कार्यक्रम का मुख्य विषय यू0एन0ई0पी0 द्वारा निर्धारित ”पृथ्वी पर जीवन रक्षण हेतु वैश्विक सहयोग“ विषय था। संगोष्ठी में परिचर्चा के दौरान कार्यक्रम की संयोजिका डॉ0 पारुल सक्सेना ने यू0एन0ई0पी0 के इतिहास व कार्य प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व विरासत के संरक्षण हेतु ओजोन के कनाडा के मोनट्रियल में हुई एक संधि के तहत ओजोन संरक्षण की जागरूकता के प्रसार में भी यू0एन0ई0पी0 की प्रभावी भूमिका रही है तथा साथ ही साथ वैश्विक नियमावलियों को विकसित करने तथा उनके उपयोग हेतु विश्वव्यापी भूमिका निभाई है।

ओजोन परत के क्षरण के परिणामस्वरूप होने वाले दुष्प्रभावों पर हुई चर्चा

डॉ0 रवीन्द्र नाथ पाठक ने प्रकृति तथा मनुष्यमात्र पर ओजोन परत के क्षरण के परिणामस्वरूप होने वाले दुष्प्रभावों तथा उनके निवारण हेतु विभिन्न उपायों पर चर्चा की। संगोष्ठी के क्रम में डॉ0 सुषील चन्द्र भट्ट ने ओजोन परत की स्थिति, रासायनिक व्याख्या तथा विभिन्न प्रतिकारकों के साथ ओजोन की रासायनिक अभिक्रियाओं को समझाया।

ओजोन परत की क्षति से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को विस्तार से समझाया

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए सहसंयोजक डॉ0 मनोज कुमार बिष्ट ने पर्यावरण तथा ओजोन परत की क्षति से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को विस्तार से समझाया। डॉ0 सुमित खुल्वे ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से हो रही ओजोन परत की क्षति पर चर्चा की।

कार्यक्रम में रहे उपस्थित

कार्यक्रम का संचालन डॉ0 रवीन्द्र नाथ पाठक तथा समापन वक्तव्य डॉ0 गणेष कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ0 अनामिका पन्त, डॉ0 पारस नेगी, श्री के0एस0 चौहान, श्री अनूप सिंह बिष्ट, श्री कमल जोषी, श्री हरीश जी, श्री मनोज सिंह तथा कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के अनेक छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।