अल्मोड़ा: महापर्व शारदीय नवरात्र एवं उस अवधि में आयोजित रामलीलाओं में हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं की अनदेखी न करे सरकार -पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक

पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने आज जिलाधिकारी, अल्मोड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड को एक ज्ञापन प्रेषित करते हुए उन्हें अवगत कराया कि  शारदीय नवरात्र अवधि में उत्तराखण्ड विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में सर्वत्र रामलीलाओं की धूम रहती है । क्षेत्र के अनेक बालक/बालिकायें एवं क्षेत्रीय कलाकार इन रामलीलाओं में प्रतिभाग कर हमारी सभ्यता संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहरों  को सजीव एवं संजोये रखने का कार्य कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि गायन शैली की इन कुमांऊनी रामलीलाओं का अत्यन्त वैभवशाली एवं समृद्व इतिहास है । ऐतिहासिक अभिलेखों में विवरण मिलता है कि यह रामलीलायें वर्ष 1830 में मुरादाबाद और वर्ष 1860 से उत्तराखण्ड के कुमांऊ अंचल में अनवरत रूप से मंचित की जा रही है । कालान्तर में इन रामलीलाओं ने वह समृद्वशाली दौर भी देखा है, अल्मोडा जनपद में ही 200 से अधिक स्थानों में रामलीलायें आयोजित की जाती थी किन्तु अत्यन्त दुःख का विषय है कि बीतते समय के साथ हमारी यह ऐतिहासिक धरोहरें निरन्तर लुप्त होते जा रही हैं ।

परीक्षाओ के कारणवश सभी कलाकार चाह कर भी इन रामलीलाओं में प्रतिभाग नहीं कर पाते

उन्होंने कहा कि रामलीलाओं की घटती संख्या का मुख्य कारण सरकार की अनदेखी है क्योंकि शारदीय नवरात्र के महापर्व के दौरान इन रामलीलाओं में मुख्य रूप से प्रतिभाग करने वाले क्षेत्रीय कलाकारों जो मुख्यतः विद्यालय/कालेजों में पढने वाले छात्र-छात्रायें होते हैं को नहीं मिलने वाला अवकाश और इस अवधि के दौरान होने वाली परीक्षायें हैं जिस कारणवश ये सभी कलाकार चाह कर भी इन रामलीलाओं में प्रतिभाग नहीं कर पाते हैं । विगत कुछ वर्षो से हिन्दुओं के इन पर्वो पर विद्यालयों में अवकाश घोषित किया जाना बन्द कर दिया गया है । जिस कारण अब रामलीलाओं में कलाकारों को जुटाना निरन्तर दुष्कर होता जा रहा है ।

ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की आवश्यकता है

पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने बताया कि जहां एक ओर इन ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की आवश्यकता है , वहीं सरकार द्वारा रामलीला समितियों  को किसी प्रकार का सहयोग/अनुदान प्रदान नहीं किया जाता  है । प्रत्येक वर्ष रामलीला आयोजन में अनेक मदों में काफी धनराशि खर्च होती है जिसकी भरपाई प्राप्त चंदे /दान से  नहीं हो पाती हैै। जिस कारण रामलीलायें कम (लुप्त) होती जा रही हैं । आज आवश्यकता है कि सरकार इन रामलीलाओं को संरक्षित करने और विद्यालयों/कालेजों में शारदीय नवरात्र में अवकाश की घोषणा करने का कार्य करे साथ ही जो सरकारी विभाग नियमों के नाम पर इन रामलीला समितियों के कार्य को दुष्कर बनाते हैं को सहयोग करने हेतु आदेशित करें । 

निरन्तर हिन्दू त्यौहारों की अनदेखी अत्यन्त दुःखद एवं निन्दनीय है

उन्होंने स्पष्ट तौर पर चेताया कि एक ओर जहां देश एवं प्रदेश में हिन्दुत्ववादी विचारधारा वाली सरकार विद्यमान है और देश की बागडोर हिन्दू हृदय सम्राट प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों में है वहीं उत्तराखण्ड राज्य में हिन्दुओं की भावनाओं के साथ हो रहा यह खिलवाड तथा निरन्तर हिन्दू त्यौहारों की अनदेखी अत्यन्त दुःखद एवं निन्दनीय है ।

इस अवधि में विद्यालय/कालेजों में अवकाश घोषित किया जाय

  उन्होंने  मुख्यमंत्री से मांग की कि तत्काल इस विषय पर गम्भीरता से संज्ञान प्राप्त कर इन ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के अतिरिक्त इन रामलीलाओं को विशेष अनुदान एवं सहयोग प्रदान करने का कार्य करें साथ ही इस अवधि में विद्यालय/कालेजों में अवकाश घोषित किया जाय ताकि अधिक से अधिक कलाकार(छात्र/छात्रायें) इन रामलीलाओं से जुड सकें । साथ ही सरकारी विभागों द्वारा रामलीलाओं की मंचन अवधि में एकत्रित किये जाने वाले बिल/कर/अधिभार को समाप्त करने के निर्देश तत्काल निर्गत किये जाए।